मध्य प्रदेश

पुलिस-नक्सलियों की मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर, एक महिला नक्सली रायफल छोड़कर भागी

पुलिस से लूटे गए एके-47 जैसे हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं नक्सली

भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट-मंडला जिले की सीमा पर बुधवार सुबह हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में जवानों ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया। बताया जाता है एक महिला नक्सली अपनी रायफल छोड़कर भाग गई। हॉक फोर्स, जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ 148वीं बटालियन के संयुक्त ऑपरेशन में एक और नक्सली को गोली लगी है, जिसकी सघन तलाश की जा रही है। यह मुठभेड़ बालाघाट, मंडला और छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र सुपखार-मोतीनाला के पास की बताई गई है।

नक्सलियों द्वारा नक्सली सप्ताह मनाने के पर्चे फेंके जाने के बाद अलर्ट पर थी पुलिस

जानकारी के मुताबिक मोतीनाला के नजदीक खुर्सीपार गांव में नक्सलियों ने नक्सली सप्ताह मनाने के लिए पर्चे फेंके थे, इसके बाद पुलिस हाई अलर्ट पर थी। इसी दौरान बुधवार सुबह मंडला और बालाघाट के छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में पुलिस की इन नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। पुलिस क्षेत्र की सघन जांच कर रही है। अधिकारियों के जंगली क्षेत्र से बाहर आने के बाद ही घटना की आधिकारिक जानकारी सामने आ पाएगी। बालाघाट जोन के आईजी संजय सिंह के अनुसार जंगल में एक बड़ा सर्चिंग ऑपरेशन चल रहा है। इसमें सीआरपीएफ हॉक फोर्स, मंडला व बालाघाट जिले का पुलिस बल के साथ ही सीआरपीएफ 148वीं बटालियन शामिल है। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं। एक डीवीसी गणेश के पास से एके-47 मिली है। दूसरे की अभी पहचान नहीं हो सकी है। उसके पास से 315 बोर की राइफल मिली है। आईजी संजय सिंह ने बताया कि घटना स्थल कान्हा भोरमदेव वाला क्षेत्र है। दोनों ओर से गोलीबारी के बीच एक महिला नक्सली भाग गई। उसके भी घायल होने की सूचना है, वह रायफल छोड़कर भागी है। आसपास और कितने नक्सली हो सकते हैं, यह कहा नहीं जा सकता। ऑपरेशन अभी जारी है। बालाघाट और मंडला जिले के पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर मौजूद हैं। मंडला एसपी यशपाल सिंह राजपूत भी मौके पर पहुंचे हैं।

पीएचक्यू का बड़ा खुलासा…

लाखों के इनामी थे मारे गए नक्सली, पुलिस से लूटे हाईटेक हथियार कर रहे थे इस्तेमाल

वहीं, भोपाल में पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने मंडला में हुए इस नक्सली एनकाउंटर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पीएचक्यू एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के पास से एके-47 जैसे हाईटेक हथियार मिले हैं। यह हथियार वे हैं, जो पुलिस से लूटे गए थे। हथियार पहचान में नहीं आएं, इसलिए नक्सली इनका बैच नंबर मिटा देते थे। यह जानकारी नक्सली मुठभेड़ के बाद पीएचक्यू की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नक्सल विरोधी अभियान आईजी साजिद फरीद शापू ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारे गए दोनों नक्सलियों की गिरफ्तारी पर लाखों रुपये का इनाम था। दोनों की शिनाख्त हो गयी है। मारे गए नक्सलियों में से एक गणेश, कमेटी मेंबर और एमएमसी जोन का समन्वयक प्रभारी था। उसके सिर पर 29 लाख का इनाम रखा गया था। दूसरा नक्सली राकेश भोरमदेव एरिया कमेटी का मेंबर था और एमएमसी जोन का कमांडर था। सरकार ने इस पर 14 लाख का इनाम घोषित किया था। इस पर कई अपराध दर्ज हैं।

नक्सलियों पर था लाखों का इनाम

साजिद फरीद शापू ने कहा कि मारा गया नक्सली गणेश डिविजन कमेटी मेंबर और एमएमसी जोन का समन्वयक, प्रभारी था, उस पर 29 लाख का इनाम था। उस पर एमपी छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र में 12 से ज्यादा मामले दर्ज थे। दूसरा मारा गया नक्सली राकेश भोरमदेव एरिया कमेटी का मेंबर और एमएमसी जोन का कमांडर था, उस पर 14 लाख का इनाम था। उस पर भी कई अपराध दर्ज थे।

नक्सलियों के पास से पुलिस के हथियार मिले

श्री शापू ने बताया कि मारे गए नक्सली राशन लेने के लिए आए थे। इनके पास एके 47, 315 रायफल, कई डायरी और लिट्रेचर मिला है। सभी नक्सली अपनी वर्दी में थे। 10 साल पहले कई घटनाओं में पुलिस से नक्सलियों ने हथियार लूटे थे। इन हथियारों का इस्तेमाल मौजूदा नक्सली कर रहे हैं। जब उनसे हथियार की बरामदगी होती है तो उसकी जांच पड़ताल भी की जाती है, उसमें पता चलता है कि वो पुलिस से लूटे गए हथियार हैं।

फंडिंग नहीं होने से परेशान हैं नक्सली, इसलिए बढ़ा रहे मूवमेंट

पुलिस के अनुसार नक्सलियों का फंडिंग का साधन फिरौती और तेंदूपत्ता होता है। पुलिस फोर्स 5 महीने में 2 बड़ी मुठभेड़ में 5 नक्सलियों का एनकाउंटर कर चुकी है। हॉकफोर्स और पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। उन्होंने कहा फंडिंग के साधन खत्म होने की वजह से अब नक्सली बौखला गए हैं। इसलिए अपने मूवमेंट को बढ़ा रहे हैं।

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