कोरबाछत्तीसगढ़

कोरबा के ग्राम कटरा डेरा में मिले अर्ध वयस्क हाथी का इलाज जारी, रायपुर और बिलासपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम पहुंची

कोरबा (गेंदलाल शुक्ल)। रविवार को वन मंडल कोरबा के अंतर्गत ग्राम कटरा डेरा में मिले एक अर्ध वयस्क अस्वस्थ हाथी का इलाज जारी है। हाथी के इलाज में जुटी वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और चिकित्सकों की टीम स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। अस्वस्थ हाथी की जान बचाने के लिए रायपुर और बिलासपुर से भी वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम ग्राम कटराडेरा पहुंच चुकी है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक अतुल शुक्ला ने बताया कि अस्वस्थ हाथी को वन विभाग के अमले और ग्रामीणों की मदद से करवट लिटाया गया है। हाथी के सांस लेने की गति और शरीर का तापमान सामान्य है। उन्होंने यह भी बताया कि हाथी बार-बार उठने की कोशिश कर रहा है, परन्तु उठ नहीं पा रहा है। हाथी के शरीर में पर्याप्त ताकत नहीं है।

उन्होंने बताया कि आज दोपहर को कठराडेरा के ग्रामीणों ने एक अर्ध वयस्क हाथी को पेट के बल लेटे पाए जाने पर इसकी सूचना परिसर रक्षक गुरमा को दी। परिसर रक्षक ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को देने के साथ ही तत्काल मौके पर पहुंचे तो पाया कि हाथी के सांस लेने में परेशानी हो रही है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉक्टर की मौजूदगी में वन विभाग के अमले और ग्रामीणों की मदद से हाथी को करवट लिटाया गया, जिससे सांस लेने में हाथी को हो रही तकलीफ दूर हो गई है।

हाथी के सांस लेने की गति लगातार रिकॉर्ड की जा रही है। सांस लेने की स्थिति सामान्य है। मौके पर मौजूद पशु चिकित्सक करतला द्वारा हाथी का तापमान लिया गया, जो कि सामान्य है। श्री शुक्ला ने बताया कि हाथी अर्ध वयस्क है। उसकी ऊंचाई 1.9 मीटर है। वन मंडलाधिकारी कोरबा एन गुरूनाथन और अधीनस्थ अधिकारी मौके पर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट चिकित्सकों के साथ मौजूद हैं और अस्वस्थ हाथी का इलाज जारी है।

अभी कुछ दिनों पूर्व ही लगातार तीन हाथियों की मौत ने छत्तीसगढ़ वन विभाग में हड़कंप मच हुआ है, वहीं वन मंत्री ने डीएफओ एवं एसडीओ पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है। समय रहते अगर वन अमला मौके पर नहीं पहुंचता है तो स्थिति नाजुक हो सकती है।

क्या है मामला

कोरबा ब्लाक के ग्राम पंचायत गुरमा के आश्रित ग्राम कटरा डेरा के एक किसान के घर रविवार को एक हाथी घुस गया था। गुरमा के सरपंच और उप सरपंच ने इसकी सूचना देने के लिए कोरबा डीएफओ-एसडीओ सहित रेंजर को फोन किया था लेकिन उनके मोबाइल बंद मिले थे। इससे ग्रामीण जहां एक ओर दहशतजदा थे, तो वहीं दूसरी ओर हाथी भी जमीन पर लोट रहा था। उससे यह महसूस किया जा सकता है कि हाथी की स्थिति ठीक नहीं है।

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