छत्तीसगढ़

एमआरपी में आ गए व्यापारी, ग्रामीण क्षेत्रों में राशन सामान की मंहगाई से जनता त्रस्त

रसौटा / राहौद {नीलाम्बुज सिंह}। लाक डाउन भले ही 3 मई तक बढ़ा दिया गया पर राशन सामान की मंहगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। कारण राशन सामान की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में ठीक तरह से नहीं होना बताया जा रहा है।

रसौटा परिक्षेत्र में जहां आलू और प्याज पहले लाक डाउन के पूर्व से ही 20 रुपए किलो के भाव में मिल रहे थे। वहीं अब यह बढ़कर 35 से 40 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहे हैं। खाद्य तेल जो 90 से 95 मिल रहे थे वे 105 से 110 रुपए में बिक रहे हैं। राहर दाल जो 70 से 80 रुपये बिक रहे थे वे लाक डाउन 2 के समय 100 रुपये तक पहुंच गये हैं, जबकि आलू, प्याज, दाल, तेल शक्कर, आटा लोगों की दैनिक आवश्यकता है।

सामान की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में ठीक तरह से नहीं होने से सामान की महंगाई से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग त्रस्त हैं, जन धन योजना से 500 रुपये गरीब के खाते में डालना अच्छी बात है पर महंगाई रोकना दूसरी बात।

ग्रामीण क्षेत्रों में राशन सामान की आपूर्ति ठीक तरह से कर राशन सामान की मंहगाई पर प्रशासन को तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि लाक डाउन अवधि में जनता की जेब कटने से बच जाए।

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