छत्तीसगढ़मुंगेली

शराब दुकानों में बगैर रिकॉर्ड के कहीं मदिरा खपाने का रैकेट तो नहीं चल रहा …

मुंगेली (अजीत यादव) । क्या प्रदेश की सरकारी दुकानों में बेनामी शराब खपाई जा रही है? क्या शराब को लेकर प्रदेश में कोई बड़ा खेल खेला जा रहा है? ये सवाल इसलिए कि मुंगेली जिले के शराब दुकानों में बगैर स्कैनिंग के देशी शराब खपाए जाने का मामला सामने आया है। यहां किसी और जिले के नाम पर निकली शराब को खपाया जा रहा है।जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव में मामला मुंगेली जिले के कंतेली देशी मदिरा दुकान का सामने आया है, जहां सरकारी शराब दुकान में शनिवार को 400 पेटी देशी शराब बिना स्कैनिंग के सप्लाई की गई। जिसके संबंध में ना तो ट्रक चालक और ना ही मदिरा दुकान के सुपरवाइजर के पास ही कोई रिकार्ड मौजूद है।

यहां तक कि शराब को जिस वाहन में सप्लाई की जा रही थी उस वाहन के चालक के पास शराब के संबंध में कोई भी दस्तावेज ही नहीं थे। यही नहीं जब देशी मदिरा प्लेन के बोतल को देखा गया तो उसमें “केवल छत्तीसगढ़ प्रदाय क्षेत्र बेमेंतरा के लिए” का स्टिकर लगा हुआ था।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब बेमेंतरा का स्टिकर शराब के बोतल में लगा है तो मुंगेली जिले के शराब दुकानों में इसे कैसे खपाया जा रहा है। कंतेली देशी मदिरा दुकान के सुपरवाइजर रमेंश कुमार साहू ने बताया कि मुंगेली जिले का शराब गोदाम पड़ावचौक में है, जहां से हर दो दिनों में परमिट के हिसाब से शराब दुकान में माल आता है। जबकि उनके पास शराब की इस खेप को रखवाने के लिए कोई परमिट नहीं था। शराब दुकान में जो शराब उतारी गई है उसकी कीमत 15 लाख रुपये से भी ज्यादा की बताई जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इस मामले में मुंगेली जिला आबकारी अधिकारी वीआर लहरे से लगातार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

उधर इस पूरे मामले में मुंगेली कलेक्टर पीएस एल्मा ने जांच कराने की बात कही है साथ ही उन्होंने अंदेशा जताया है कि गलती से बेमेंतरा का शराब मुंगेली न भेज दिया गया हो।

हालांकि इस पूरे मामले में जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है, उसके मुताबिक “मदहोशी के” इस खेल की अगर जांच कराई जाएगी तो कई बड़े ही चौकानें वाले खुलासे होंगे और कई बेपर्दा भी हो जाएंगे।

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