मध्य प्रदेश

सैनिटरी नैपकिन हाथ में पकड़े भगवान गणेशजी की मूर्ति से मचा बवाल, एनजीओ संचालक ने मांगी माफी…

इंदौर। महू में सैनिटरी नैपकिन हाथ में पकड़े भगवान गणेश की मूर्ति की एक तस्वीर से देश भर में बबाल मच गया है। एक एनजीओ ने मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए इस मूर्ति को अपने कार्यालय में स्थापित किया। इसमें भगवान गणेश को मासिक धर्म में स्वच्छता को बढ़ावा देने वाले जिम्मेदार पति के रूप में दर्शाया गया है।

ज्ञातव्य है कि देश में इन दिनों 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव मनाया जा रहा है। इंदौर जिले के महू में गैर सरकारी संगठन अनिवार्य के ऑफिस में सैनिटरी नैपकिन धारण करने वाली गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना की गई। अनिवार्य एनजीओ के संस्थापक अंकित बागड़ी ने महिलाओं में मासिक धर्म दौरान स्वच्छता जागरूकता के मकसद से गणेशजी के दोनों हाथों में सैनिटरी पेड पकड़ा दिए। अनिवार्य नाम का ये एनजीओ ग्रामीण महिलाओं में स्वच्छता जागरूकता के लिए काम करता है। इसका दावा है कि अप्रैल 2020 से लेकर अब तक वो महिलाओॆं को 20 लाख सैनिटरी नैपकिन बांट चुका है। लेकिन गणेश जी की नेपकिन वाली फोटो वाइरल होते ही बवाल मच गया और सोशल मीडिया पर इस एनजीओ के खिलाफ 900 से ज्यादा टिप्पणियां आ गईं।

भाजपा पुलिस में करेगी शिकायत

भाजपा ने भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए पुलिस में शिकायत की बात कही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा मुझे लग रहा है कि इस तरह की मनोवृत्तियाँ समाज में बहुत तेजी से पनप रही हैं। ये जानबूझकर की गई हरकत है। इसमें अनिवार्य एनजीओ का नाम आया है जिसे अंकित बागड़ी संचालित करते हैं। मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है। यदि उनको सैनिटरी पैड को लेकर जनजागरण लाना है तो उसके दूसरे कई तरीके हैं। भगवान गणेश के हाथ में सैनिटरी पैड पकड़ाना गलत है। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। इस मामले में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी जाएगी।

कांग्रेस ने भी की एनजीओ पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस ने भी एनजीओ के इस कृत्य की निंदा की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा अनिवार्य एनजीओ का गणेशजी के हाथ में सैनिटरी पैड पकड़वाना निश्चित रूप से निंदनीय कृत्य है। ये उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाता है। सैनेटरी पैड के उपयोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के बहुत सारे साधन हैं। लेकिन भगवान के हाथ में पैड पकड़ाना करोडो़ं हिंदुओॆं की भावनाओं को आहत करने वाला कदम है। कांग्रेस इसकी कड़ी निंदा करती है और एनजीओ पर कार्रवाई की मांग करती है

एनजीओ ने माफी मांगी

मामला बढ़ता देख एनजीओ के संस्थापक अंकित बागड़ी ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा गणेशजी की मूर्ति को पैड पकड़ाने का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हम हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं का सबसे ज्यादा सम्मान करते हैं। हमारे संगठन की ओर से अनजाने में आम जनता की भावनाओं को जो ठेस पहुंची, उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं। हमारे स्वयं सेवकों ने झांकी से आपत्तिजनक वस्तुओं को हटा दिया है।

कौन हैं अंकित बागड़ी

संस्था के संचालक अंकित बागड़ी भी एक लेखक हैं। उन्होंने चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित बॉलीवुड फिल्म टू स्टेट्स से प्रेरित होकर लेखन कार्य शुरू किया। उन्होंने सैनिटरी पैड बनाने वाली महिलाओं की मदद के लिए उपन्यास भी लिखा है। बागड़ी ने पिछले साल दिसंबर में महिलाओं के जीवन की कठिनाइयों पर एक किताब द रोअर ऑफ माई साइलेंस लिखी थी। अपनी किताब की बिक्री से होने वाली सभी आय को भी नेक काम में लगाने का फैसला किया है।

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