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कोरोना का तांडव : मौतों की भयावह तस्वीर आई सामने, जन्म से चार गुना ज्यादा बन रहे मृत्यु प्रमाण पत्र, सरकार के छूटे पसीने ….

देहरादून। देहरादून नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। निगम में पिछले 42 दिनों में 1156 मृत्यु प्रमाण पत्र बन चुके हैं। मई महीने में जन्म प्रमाण पत्रों की अपेक्षा चार गुना ज्यादा मृत्य प्रमाण पत्र बने हैं। एक से 12 मई तक 444 प्रमाणपत्र बन चुके हैं। जबकि जन्म प्रमाण पत्र 119 बने हैं। नगर क्षेत्र के प्राइवेट अस्पतालों या घरों में मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार नगर निगम को है।

अप्रैल महीने में 712 मृत्यु प्रमाण पत्र बने। मई महीने में इसमें इजाफा होता दिख रहा है। एक से 12 मई तक 444 प्रमाण पत्र बन चुके हैं। नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी का कहना है कि दून अस्पताल, कोरोनेशन, रायपुर अस्पताल को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार है। नगर निगम में नगर क्षेत्र के घरों और प्राइवेट अस्पतालों में मरने वाले लोग प्रमाण पत्र बनते हैं।

नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन है, लेकिन आवेदन करने के लिए नगर निगम की आना जरूरी है। यहां श्मशान घाट और अस्पताल की पर्ची देनी है। आवेदन करने वाले व्यक्ति को अपनी आईडी देनी होती है। जो लोग घर में मरते हैं उनके प्रमाण पत्र के लिए श्मशान घाट की पर्ची ही देनी होती है। आवेदन करने के एक सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र बन जाता है। एक महीने तक कोई शुल्क नहीं है। एक महीने बाद दस रुपये फीस के साथ शपथपत्र भी देना होता है।  वर्ष 2020 में मृत्य प्रमाण पत्र की संख्या में इजाफा हुआ है। 2019 में 7037 और 2020 में 8217 प्रमाण पत्र बने हैं।

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