मध्य प्रदेश

चुनावी साल में श्रीराम का सहारा : शिवराज कैबिनेट ने ‘श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास’ के गठन को दी मंजूरी

मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक में हुए अनेक निर्णय

भोपाल। चुनावी साल में प्रदेश सरकार भगवान श्रीराम के सहारे नैया पार करने की कोशिश में है। इसकी झलक गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में देखने को मिली। मंत्रि-परिषद ने श्री रामचन्द्र पथ-गमन वाले अंचलों के विकास के लिये ‘श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास’ के गठन को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद वनगमन पथ का विकास होगा।

मप्र सरकार ने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किए गए ‘श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास’ के गठन का खाका भी जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री न्यास के पदेन अध्यक्ष होंगे, न्यास में 33 सदस्य होंगे। इसमें 28 पदेन न्यासी और 5 अशासकीय न्यासी सदस्य होंगे। अशासकीय न्यासियों का अधिकतम कार्यकाल 3 वर्ष होगा। न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिये समय-समय पर विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास की गतिविधियां प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित की जाएंगी। न्यास के सुचारू संचालन के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई भी गठित की जाएगी। इकाई में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कुल 7 पद होंगे। न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित 32 नए पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है, जिस पर एक करोड़ 57 लाख रूपए से अधिक वार्षिक वित्तीय भार आयेगा।

सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से विकास

भगवान श्रीराम ने मप्र में जिन स्थलों का भ्रमण किया था, उनके आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक विकास के लिए श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास का गठन होगा। न्यास (ट्रस्ट) का कार्य श्रीराम के पदचिह्नों वाले स्थानों के सांस्कृतिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, संरक्षण एवं संवर्धन परियोजनाओं के लिए निर्माण विभागों के बीच समन्वय करना होगा। केंद्र सरकार ने शोध कराकर 249 श्रीराम वनगमन स्थलों की खोज की है। इनमें मप्र के 23 स्थल शामिल हैं। इन स्थलों को दर्शन योग्य बनाने के साथ ही धार्मिक, सामाजिक एवं पर्यटन विकास की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

न्यास का यह रहेगा कार्य

  • चिन्हित स्थलों को जोड़ने वाले मार्ग का विकास।
  • चिन्हित स्थलों के पथ तथा स्थानों का संरक्षण एवं विकास।
  • स्थलों पर धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन।
  • यात्री सुविधाओं का निर्माण एवं संचालन।
  • पर्यटन संबंधी गतिविधियों का संचालन।
  • जनसामान्य को सांस्कृतिक एवं शैक्षिणक रूप से प्रबुद्ध किया जाना।

मप्र में श्रीराम वनगमन के चिह्नित स्थल

  • जिला सतना के अंतर्गत स्थल : स्फटिक शिला चित्रकूट, गुप्त गोदावरी चित्रकूट, अत्रि आश्रम अनसूइया, शरभंग आश्रम शरभंग, अश्वमुनि आश्रम शरभंग, सुतीक्ष्ण आश्रम सिलहा, सिद्धा पहाड़ सिद्धा, सीता रसोई रक्सेलवा, रामसेल रक्सेलवा, राम जानकी मंदिर मैहर।
  • जिला पन्ना के अंतर्गत स्थल : बृहस्पति कुंड पहाड़ीखेरा, सुतीक्ष्ण मुनि आश्रम सांरगधर, अग्निजिह्वा आश्रम बड़े गांव, अगस्त्य मुनि आश्रम सलेहा।
  • जिला कटनी के अंतर्गत स्थल : शिव मंदिर भरभरा।
  • जिला जबलपुर के अंतर्गत स्थल : रामघाट पिपरिया।
  • जिला नर्मदापुरम के अंतर्गत स्थल : श्रीराम मंदिर पासी घाट, श्रीराम मंदिर माच्छा।
  • जिला उमरिया के अंतर्गत स्थल : मार्कंडेय आश्रम दरबार, राम मंदिर ताला बांधवगढ़, दशरथ घाट विजोरी।
  • जिला शहडोल के अंतर्गत स्थल : सीता मढ़ी गंधिया।
  • जिला अनूपपुर के अंतर्गत स्थल : सीतामढ़ी कनवाई।
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