मध्य प्रदेश

शिवराज कैबिनेट ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को दी मंजूरी, होली और रंग पंचमी के बाद 15 मार्च से भरे जाएंगे आवेदन

सीएम बोले- महिला सशक्तिकरण के लिए हमारी कैबिनेट ने लिया बहुत ऐतिहासिक फैसला

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र के बजट सत्र से पहले आज शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इसमें सबसे पहले सीधी बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद मीटिंग शुरू हुई। बैठक में सीएम की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पर मुहर लगाने सहित कई अहम फैसले लिए गए।

मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट में हुए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की बहनों के सशक्तिकरण के लिए आज हमारी कैबिनेट ने बहुत ऐतिहासिक फैसला किया है। आज मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को अनुमोदित किया गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में किसी भी वर्ग, किसी भी जाति की बहन हो, उसे योजना का लाभ मिलेगा। जिनकी उम्र 23 साल से ज्यादा की होगी, उनके खाते में रुपए 1000 प्रतिमाह डाला जाएगा। 60 साल से ऊपर की उम्र के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना लागू है। लेकिन, वह अभी रुपए 600 मिलती है, उसमें ये राशि जोड़कर उन्हें रुपए 1000 रुपए न्यूनतम करेंगे। 60 साल से ऊपर की बहनों को भी एक हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना को 5 मार्च को लांच किया जाएगा। होली और रंग पंचमी के बाद 15 मार्च से इस योजना के आवेदन भरे जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया यह आवेदन बहुत सरल है, इसके लिए बहनों को कहीं नहीं जाना है। उनके गांव में, उनके मोहल्ले में ही आवेदन भरवाने के लिए टीम आएगी। फार्म भरवाने में सहायता के लिए भी हमारे प्रशासनिक कर्मचारी के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहेंगे। मार्च-अप्रैल में यह आवेदन भरने का काम पूरा हो जाएगा। शहरों के वार्ड में भी, नगर पंचायतों में वार्ड छोटे हैं तो एक ही शिविर लगाएंगे। अगर महानगरों में वार्ड बड़े हैं तो आवेदन भरने के लिए वार्ड का विभाजन करके भी शिविर लगाए जाएंगे। सहजता और आसानी से बहनें अपना आवेदन भर सकें, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। मुझे पूरा विश्वास है कि बहन इस पैसे का उपयोग परिवार को सशक्त करने और परिवार की बेहतरी के लिए करेंगी। सीएम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना अंतर्गत लगभग एक करोड़ महिला हितग्राहियों को 1000 रूपये प्रतिमाह के मान से राशि खाते में जमा की जाएगी। योजना में समस्त आवेदन नि:शुल्क ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हितग्राही यदि स्वयं उपस्थित होकर “आवेदन के लिए आवश्यक जानकारी का प्रपत्र” देती है तो उसकी भी प्रविष्टी ऑनलाइन पोर्टल पर करने की व्यवस्था की गई है।

मप्र उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अधिनियम, 2023 प्रतिस्थापित को लेकर भी निर्णय

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अध्यादेश, 2023 के स्थान पर मध्यप्रदेश उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अधिनियम, 2023 को प्रतिस्थापित किए जाने के संदर्भ में भी निर्णय लिया। इसमें औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई द्वारा निवेश आशय प्रस्ताव का आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में नोडल एजेन्सी को किया जाएगा। नोडल एजेन्सी द्वारा पूर्ण प्राप्त निवेश आशय प्रस्ताव की अभिस्वीकृति निर्धारित प्रारूप में जारी की जाएगी। एमपी इंडस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को नोडल एजेन्सी नामांकित किया गया है, जो अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र जारी करेगी। औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में उद्योग स्थापना के संबंध में प्राप्त की जाने वाली विनिर्दिष्ट सेवा, अनुमति, अभिस्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्ति दिनांक से 3 साल अथवा औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई के व्यवसायिक गतिविधि संचालन प्रारंभ किए जाने तक जो भी पहले हो, उन्मुक्त रहेगा। उक्त अवधि समाप्त होने के 6 माह के अंदर आवश्यक अनुमतियाँ, सम्मतियाँ प्राप्त करेगा। जारी अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि में कोई सक्षम प्राधिकारी अधिनियम में वर्णित अनुमतियों के संबंध में निरीक्षण नहीं कर सकेगा। इस अधिनियम में राज्य के पास अधिसूचित क्षेत्रों का चयन करने के प्रावधान होंगे जहाँ यह अधिनियम लागू किया जाएगा। इकाई के प्रारंभ होने के पूर्व इकाई द्वारा आवेदन किए जाने पर संबंधित विभाग अथवा एजेंसी द्वारा आवश्यक होने पर निरीक्षण कर अनुमति एवं सहमति दी जा सकेगी। राज्य सरकार अधिसूचना के माध्यम से राज्य स्तरीय साधिकार समिति का गठन कर सकेगी। समिति सक्षम प्राधिकारी एवं औद्योगिक उपक्रमों के साथ समन्वय कर विवाद का मैत्रीपूर्ण हल निकालेगी।

ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक-2023

केन्द्र तथा राज्य सरकार के द्वारा अधिनियमित विभिन्न अधिनियमों में संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा कार्यवाही की जाती है। इन अधिनियमों के प्रावधानों को decriminalize करने की आवश्कता है। राज्य शासन के कई विभागों द्वारा उनके प्रशासित अधिनियमों तथा नियमों को decriminalize करने की कार्यवाही की जा रही है। इसी अनुक्रम में मंत्रि-परिषद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा प्रशासित अधिनियम “ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण अधिनियम-1996” की धारा 12 के अंत में उल्लेखित प्रावधान को संशोधित कर, प्रतिस्थापित किए जाने के लिए ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2023 का अनुमोदन किया। मंत्रि-परिषद ने विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत कर पारित कराने की समस्त कार्यवाही किए जाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को अधिकृत किया है।

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