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सलीम परवेज राजद छोड़कर जेडीयू में हुए शामिल, कहा-नीतिश कुमार को मिलना चाहिए नोबल पुरस्कार…

पटना। सलीम परवेज राजद छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए हैं। इससे पहले वे जेडीयू में रहकर बिहार विधान परिषद में उपसभापित थे। नीतिश कुमार ने विधानसभा चुनाव में 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जिसमें सभी प्रत्याशी हार गए थे।

जेडीयू में वापस आते ही सलीम परवेज ने मांग उठाई कि नीतीश को नोबल पुरस्कार दिया जाए। सलीम ने उस समय राजद छोड़ने की घोषणा की थी, जब शहाबुद्दीन का इलाज दिल्ली में चल रहा था। लालू परिवार से कोई न अस्पताल में शहाबुद्दीन को देखने पहुंचा और न उनकी अंतिम यात्रा में कोई शामिल हुआ था। अब जेडीयू में आकर सलीम परवेज दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। वे चुनाव प्रचार में वोटर्स के बीच राजद और जेडीयू के बीच फर्क भी बताएंगे।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि लालू-राबड़ी के राज में मॉल की घेराबंदी होती थी, लेकिन नीतीश कुमार के राज में कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई गई। ये कब्रिस्तान विवाद के कारण थे। नीतीश कुमार ही बिहार में अल्पसंख्यकों के सबसे बड़े रक्षक हैं। नीतीश के राज में एक जगह भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ज्यादती नहीं हुई। सेक्यूलरिज्म बिहार में तब तक जीवित है जब तक नीतीश कुमार हैं।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि राजद एक परिवार के लिए बनी पार्टी है। राजद में दो भाइयों के बीच सिर फुटव्वल जैसी स्थिति है और लालू प्रसाद सोच में पड़ गए हैं कि वे पटना आएं कि नहीं आएं। जब लालू प्रसाद ही घुटन महसूस कर रहे हैं तो राजद में बाकी लोग क्या महसूस कर रहे होंगे। कहा कि पटना के हज भवन में अल्पसंख्यकों के बच्चे पढ़ने आते हैं। इस बार बीपीएससी में 100 का चयन यहां से हुआ है। अभी यहां 150 सीटें हैं, जिसे बढ़ाकर 400 किया जा रहा है। जिलों में भी इसकी व्यवस्था होगी।

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