मध्य प्रदेश

वर्थडे केक पर बवाल, कमलनाथ ने काटा हनुमान की फोटो लगा केक, बीजेपी ने बताया अपमान …

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व हनुमान भक्त द्वारा अपने जन्मदिन पर हनुमान की फोटो लगा केक काटने को भाजपा ने हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ के साथ ही राम और हनुमान का अपमान बताया है। इस केक के वीडियो और फोटो भी सामने आए हैं, जिसमें केक का स्ट्रक्चर भी मंदिर की तरह दिखाई दे रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक दिन पहले यहां अपने निवास शिकारपुर में यह केक काटा था। हालांकि, कमलनाथ का जन्मदिन 18 नवंबर को है, लेकिन उनके प्रशंसक और पार्टी कार्यकर्ता पहले से ही जन्मदिन मनाते हुए केक काट रहे हैं।

वायरल वीडियो और फोटो में केक 4 लेयर का दिखाई दे रहा है। नीचे पहली लेयर पर लिखा है- हम हैं छिंदवाड़ा वाले, इससे ऊपर दूसरी लेयर पर- जीवेत शरद: शतम्, तीसरी पर माननीय कमलनाथ और चौथी लेयर पर जन नायक लिखा हुआ है। चौथी लेयर पर हनुमान की फोटो है। केक में मंदिर की तरह शिखर है। भगवा झंडा भी लगा हुआ है। कमलनाथ यह केक काटते नजर आ रहे हैं। साथ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र गुप्ता और दूसरे लोग भी हैं।

छिंदवाड़ा के भाजपा जिलाध्यक्ष बंटी ने कहा कि पूर्व सीएम ने भले ही हनुमान का मंदिर बनाया है, लेकिन उनकी मंदिर में जरा भी आस्था नहीं है। अक्सर उनका पूरा परिवार और वे खुद हिंदू धर्म की आस्था से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव हो, कमलनाथ और उनका परिवार पिकनिक मनाने छिंदवाड़ा आ जाता है।

अभी तो उनकी जमीन खिसकती दिख रही है, क्योंकि वे 15 महीने मुख्यमंत्री रहे, लेकिन चुनाव से पहले किए गए अपने वादे पूरे नहीं कर पाए। साहू ने कहा कि यह घटना निंदनीय और दुखदायी है। इनका जन्मदिन अभी है ही नहीं, लेकिन नौटंकी करते हुए 5 दिन से छिंदवाड़ा में अपना जन्मदिन मना रहे हैं। लोग बताते हैं कि ये अंडे का केक था। क्या अंडे के केक पर हनुमान का फोटो लगाना ठीक है? अभी तो ये गुजरात के स्टार प्रचारकर हैं, लगता है कि ये वहां पर संदेश देना चाहते हैं कि हिंदू धर्म का मजाक उड़ाओ और चुनाव जीतो।

वहीं, भोपाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि सनातन धर्म के आराध्यों को तोड़ने और काटने का मंसूबा जब मुगलों का सच नहीं हो पाया, तो कमलनाथ जी का कैसे हो पाएगा। वो तो हिंदू धर्म की सहिष्णुता है, जो वे ऐसे कृत्य करके भी बच जाते हैं। अन्यथा मैं चुनौती देता हूं कि उन्होंने अगर किसी दूसरे धर्म के आराध्य का ऐसा केक काटा होता, तो सिर धड़ से अलग करने के नारे लग जाते। कमलनाथ को अपने इस कृत्य पर सनातन धर्म से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस को भी इस पर अपनी सफाई देनी चाहिए।

इधर, मामला तूल पकड़ता देख कांग्रेस ने भी सफाई पेश करने में देरी नहीं की। कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता जी ने कहा कि भाजपा वालों के पास कोई मुद्दे रहते नहीं हैं, तो धर्म और भावनाओं को भड़काने वाले बयानों को मुद्दा बनाने की कोशिश करते हैं। कमलनाथ, हनुमान के भक्त हैं। इसलिए उनके समर्थक हनुमान के फोटो वाला केक लेकर पहुंचे थे, लेकिन कमलनाथ ने इस केक को नहीं काटा। दूसरे केक को काटा है। भाजपा ऐसे मुद्दे लाकर अपनी दुकान चलाने का काम करती है। ये छोटी और निम्न स्तरीय राजनीति है।

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