मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के खिलचीपुर की संतोष चौहान बनी महिलाओं की प्रेरणा स्त्रोत

भोपाल। अंजाम उसके हाथ है आगाज करके देख, भीगे हुए परों से ही परवाज करके देख’, मशहूर शायर नवाज देवबंदी की इन पंक्तियों को राजगढ़ की संतोष चौहान ने चरितार्थ किया है. वह अपने हौसले के दम पर लाख कठिनाइयों के बावजूद प्रेरणा की मिसाल बन गई हैं. एक हादसे में अपने हाथ गंवाने के बाद संतोष चौहान ने ना सिर्फ पैरों से लिखना सीखा बल्कि अपनी पढ़ाई भी पूरी. इस समय वह खिलचीपुर में महिला बाल विकास विभाग में बतौर सुपरवाइजर 128 आंगनबाड़ी केंद्रों का बखूबी संचालन कर रही हैं.

इसके अलावा संतोष चौहान कई महिलाओं को ट्रेनिंग भी देती हैं. ऑफिस में लिखने का सारा काम वो अपने पैरों से ही करती हैं. वह बताती हैं कि 8 साल की उम्र में खेल-खेल में उन्होंने बिजली के तार को पकड लिया था. करंट लगने के कारण उनके दोनों हाथ चले गए.अपने दोनों हाथ खोने के बावजूद अपनी हिम्मत के दम पर आगे बढ़ने की ठानी. अपने पैरों से लिखना सीखा और आज महिला बाल विकास में सुपरवाइजर के पद पर काम कर रही हूं. दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी वह सभी काम कर लेती हैं, जो एक स्वस्थ इंसान कर सकता है. चौहान ने बताया कि घर परिवार की स्थिति बहुत खराब होने की वजह से उन्होंने खुद आटा चक्की की दुकान को भी चलाया था.

10

सीएम बोले- राजगढ़-खिलचीपुर की सुपरवाईजर संतोष चौहान बनी प्रेरणा-स्त्रोत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में समाज की तरफ से कई प्रेरणादायी कार्य हो रहे हैं। ऐसे कार्यों के जब समाचार मिलते हैं तो स्वाभाविक रूप से मन में सुखद अनुभूति और प्रसन्नता होती है। राजगढ़ जिले की खिलचीपुर के महिला-बाल विकास कार्यालय में सुपरवाईजर के पद पर पदस्थ बेटी संतोष चौहान, महिलाओं के लिए प्रेरणा और उदाहरण बन गई है। दोनों हाथ न होने के बावजूद वे आँगनवाड़ियों के दो सेक्टर और 128 केन्द्रों का दायित्व बेहतर तरीके से निभा रही हैं। जरूरत पड़ने पर गाँव का दौरा कर, समस्याओं का निराकरण भी करती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 1988 में बेटी संतोष, जब 8 वर्ष की थी और कक्षा 5वीं में पढ़ रही थी, तब करंट लगने से उनके दोनों हाथ चले गए थे। इलाज के बावजूद उनके हाथ नहीं बचे। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। मुश्किलों में काम करते हुए पढ़ाई पूरी की और आज महिला-बाल विकास विभाग में सुपरवाईजर के पद पर पदस्थ रह कर सबको प्रेरणा दे रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दी।

Back to top button