Uncategorized

RJD और LJD 25 साल बाद एक हुए, विपक्ष एकता को कितना होगा फायदा ….

पटना।  दशकों लंबे करियर में कई बार लालू और शरद का सियासी आमना-सामना हुआ। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच जनता दल के समय से ही घनिष्ठता देखी गई थी। फिलहाल, भ्रष्टाचार मामलों में सजा काट रहे लालू ने 1997 में जनता दल से किनारा कर लिया था और राजद का गठन किया था। साल 2005 में नीतीश कुमार और शरद यादव ने मिलकर बिहार चुनाव अपने नाम किया और राजद को सत्ता से बाहर कर दिया था।

बिहार की राजनीति के दो बड़े नाम 25 साल के बाद फिर एक हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने रविवार को घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल में विलय हो गया है। हालांकि, खास बात है कि साल 2018 में गठन के बाद से ही लोजद ने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है।

समाचार एजेंसी ने शरद यादव के हवाले से लिखा, ‘राजद के साथ हमारी पार्टी का विलय विपक्षी एकता की ओर पहला कदम है। यह जरूरी है कि भारत भर में पूरा विपक्ष भाजपा को हराने के लिए एक हो जाए। फिलहाल, एकता स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है। इसके बाद ही हम सोचेंगे कि विपक्ष एकता का नेतृत्व कौन करेगा।’

इससे पहले बुधवार को भी यादव ने कहा था, ‘देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है।मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया।’ राजद नेता और बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शरद को पिता समान बताया था और कहा था कि भारतीय राजनीति में सभी लोग उनकी अहमियत जानते हैं।

Back to top button