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सिविल जज भर्ती में महिला आरक्षण पर जनहित याचिका: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को भी बनाया पक्षकार; शासन से मांगा जवाब ….

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) के लॉ ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त एलके मढ़रिया ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि छत्तीसगढ़ में लोअर ज्यूडिशियरी परीक्षा में छत्तीसगढ़ शासन सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम 1997 में सामान्य प्रशासन विभाग ने पांच जनवरी 2017 को अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही 11 जनवरी 2017 को परिपत्र जारी किया है।

छत्तीसगढ़ लोअर ज्यूडिशियरी (सिविल जज) भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने प्रकरण में हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाया है। दरअसल, भर्ती में अन्य विभागों की तरह आरक्षण नीति के अनुसार न तो स्थानीय महिलाओं को लाभ दिया जा रहा है और न ही आयु सीमा में छूट दी जा रही है।

इस परिपत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में होने वाली नियुक्तियों में छत्तीसगढ़ की स्थानीय निवासी महिला उम्मीदवारों को रिक्त पदों में 30 प्रतिशत और अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट देने दिया जाना है। इसके साथ ही राज्य शासन ने 30 जनवरी 2019 को स्थानीय लोगों को भी अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट दी है। राज्य लोक सेवा आयोग सहित अन्य विभागों ने इस निर्देश को अपनाया है और छूट दी जा रही है। लेकिन, लोअर ज्यूडिशरी सर्विस में इसका पालन नहीं हो रहा है।

ऐसे छत्तीसगढ़ शासन के विधि विभाग की ओर से व्यवहार न्यायाधीश (सिविल जज) की भर्ती में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों का पालन नहीं हो रहा है। न ही छत्तीसगढ़ की स्थानीय महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है।

याचिका में विधि विभाग से महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिलाने की मांग की गई है। साथ ही बताया है कि राज्य की सरकार ने पांच वर्ष का छूट दिए जाने का नया नियम लागू किया है। लेकिन, महिलाओं को इस छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। याचिका में छूट का लाभ दिलाने की भी मांग की गई है।

इस जनहित याचिका में हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाकर लोअर ज्यूडिशयरी भर्ती नियम 2006 में संशोधन करने की मांग की गई है। साथ ही धारा 6 और 7 में स्थानीय निवासियों को छूट देने और स्थानीय निवासी महिलाओं को आरक्षण में 30 प्रतिशत का लाभ दिए जाने की मांग की है।

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