मध्य प्रदेश

बागेश्वर सरकार को पुलिस की क्लीनचिट: धीरेंद्र शास्त्री बोले- सांच को आंच नहीं होती, सनातन धर्म का प्रचार अंधविश्वास नहीं

जांच के बाद नागपुर पुलिस ने कहा- वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं

भोपाल/छतरपुर/नागपुर। छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। नागपुर की पुलिस का कहना है कि वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर में ऐसा कुछ नहीं कहा था, जो विवादास्पद हो या जिससे अंधविश्वास फैले। इस पर बागेश्वर महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सांच को आंच नहीं। उन्हें देश के संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है। सनातन का प्रचार अंधविश्वास नहीं है। वहीं, पुलिस की क्लीन चिट मिलने की सूचना के बाद बागेश्वर भक्तों में खुशी की लहर छा गई।

ज्ञात हो कि, बागेश्वर सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं। उन्होंने महाराज के खिलाफ केस दर्ज की मांग की थी। वहीं, नागपुर कमिश्नर अमितेष कुमार ने इस बारे में कहा कि 7 से 8 जनवरी को नागपुर में महाराज की सभा हुई थी। श्याम मानव की शिकायत पर वीडियोज की जांच की है। जांच के दौरान पाया गया कि वीडियो में कोई दिक्कत नहीं है। वीडियो के ज्यादातर हिस्से नागपुर के बाहर से थे। बाबा ने नागपुर में ऐसा कुछ नहीं कहा था, जिससे कि अंधविश्वास फैले। कमिश्नर का कहना है कि दिव्य दरबार के करीब छह घंटे के वीडियो थे। उसका ट्रांसस्क्रिप्ट तैयार करने में वक्त लगा। इसके बाद ही हम किसी नतीजे पर पहुंचे हैं। वीडियो में कहीं कोई आपत्तिजनक बात नहीं है।

बागेश्वर महाराज बोले- हमें संविधान और कानून पर भरोसा

नागपुर पुलिस से क्लीनचिट मिलने के बाद बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हनुमान चालीसा, बागेश्वर या सनातन धर्म का प्रचार करना, ऋषि परंपरा की शक्तियों के बारे में लोगों को बताना अगर अंधविश्वास है, तो पूरे भारत के लोगों को जेल भेज देना चाहिए। हमें कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है। नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है कि कोई एफआईआर नहीं होगी। कुछ लोग भगवान राम और कृष्ण के समय भी थे। अगर कोई अपने बाप को बाप नहीं कहता, तो इसमें उस बाप की गलती नहीं, बल्कि उस पुत्र की गलती है, जो निकम्मा है।

 

अपने गुरु द्वारा भोपाल में ली गई प्रतिज्ञा का समर्थन

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- हम पाकिस्तान क्या, हम तो चांद पर भी चल देंगे। इस पूरे एपिसोड के बाद भी हम कल जो थे, आज भी वही हैं। उन्होंने भोपाल में अपने गुरुदेव रामभद्राचार्य जी द्वारा ली गई प्रतिज्ञा का समर्थन करते हुए कहा कि गुरुदेव ने जो प्रतिज्ञा की है, वह अच्छी है। ऐसा होना चाहिए। मीडिया ने जब सुरक्षा बढ़ाने को लेकर सवाल पूछा तो बागेश्वर महाराज बोले कि तुम रक्षक काहू को डरना। साधु संत के तुम रखवारे। हमारे इष्ट हनुमान जी हैं, वही हमारी और यहां आने वाले प्रत्येक भक्त की रक्षा करते हैं।

बागेश्वर महाराज के गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने यह ली है शपथ

भोपाल में श्रीराम कथा कह रहे बागेश्वर महाराज के गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने यह शपथ ली है कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता, तब तक अगली कथा करने नहीं आऊंगा। उन्होंने कहा कि भोजपाल नगरी के राजा भोज पालक थे। जब सरकार होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर चुकी है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया है, फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है, तो भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता? रामभद्राचार्य जी ने कहा कि मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहूंगा कि विधानसभा चुनाव के पहले इसका नाम बदल दें। ज्ञात हो, भोपाल के भेल दशहरा मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा 31 जनवरी तक चलेगी। श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि वे अभी तक 1360 कथा कर चुके हैं और उनकी भोपाल में यह 1361वीं कथा है।

इधर, श्याम मानव बोले- कानून के दिमाग का निर्णय नहीं

दूसरी ओर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगाने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने पुलिस जांच के निष्कर्ष पर कहा कि एसीपी क्राइम ने मुझे लिखित में दिया है, ताकि मैं आगे जा सकूं। सवाल मेरा इतना ही है कि पुलिस अधिकारी कानून के बारे में जानकारी रखते हैं, ये उनके कानूनी दिमाग का निर्णय नहीं है। नागपुर पुलिस का ये जो निर्णय है, कानूनी दिमाग का निर्णय नहीं है, ऐसा मुझे लगता है। इसका मतलब साफ है कि ये कानून उन पर लागू होता है, मैं उस पर कायम हूं।

महाराज पर दोनों एक्ट होते हैं लागू : श्याम मानव

उन्होंने कहा कि मैंने सभी पार्टी प्रमुखों के साथ चर्चा करके इस कानून की सहमति प्राप्त की है। महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारियों की 2015-26 में ट्रेनिंग की। कानून की सभी बारीकियां जानता हूं। उसी के आधार पर शिकायत की गई थी। मेरे ज्ञान के आधार पर महाराज के दिव्य दरबार के जो वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं, उस पर जादू-टोना कानून और ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954 लागू होता है। यही नहीं, इस कानून में प्रचार प्रसार करना भी अपराध होता है। अगर कोई भी व्यक्ति, कोई भी बाबा अगर ये आश्वासन देता है कि आपका भला होगा, शादी हो जाएगी, नौकरी लग जाएगी, बीमारी दूर हो जाएगी, तो ऐसा करना अपराध के श्रेणी में आता है। जिस शख्स को डॉक्टर की डिग्री प्राप्त न हो, वो अगर किसी का डायग्नोसिस करता है या आश्वासन भी देता है, तो वो भी कानूनन गलत होगा।

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