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संगीत की दुनिया में किस्मत आजमा रहे Pankh Fessor को मिल रही है समाज में लोकप्रियता

डॉ. अनिल मीणा | भारतीय सिनेमा जगत में एक संगीत का अपना एक महत्व है प्राचीन काल से ही यहां समृद्ध परंपरा रही है भारत में सांस्कृतिक काल से लेकर आधुनिक युग तक आते-आते संगीत की शैली और पद्धति में जबरदस्त परिवर्तन हुआ है वैदिक समय में संगीत आर्यों का आमोद प्रमोद का साधन बताया जाता है।

उत्तर वैदिक काल के ‘रामायण’ ग्रन्थ में भेरी, दुंदभि, वीणा, मृदंग व घड़ा आदि वाद्य यंत्रों व भँवरों के गान का वर्णन मिलता है, तो ‘महाभारत’ में कृष्ण की बाँसुरी के जादुई प्रभाव से सभी प्रभावित होते हैं। चौथी शताब्दी में भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ अध्यायों में संगीत पर वाद्यों का वर्णन, उनकी उत्पत्ति, उन्हें बजाने के तरीकों, स्वर, छन्द, लय, वादकों के गुणों और दोषों पर भी खुलकर लिखा है। बाद में छह राग ‘भैरव’, ‘हिंडोल’, ‘कैशिक’, ‘दीपक’, ‘श्रीराग’ और ‘मेध’ प्रचार में आये।

ग्यारहवीं शताब्दी में मुसलमान अपने साथ फारस का संगीत लाए। उनकी और हमारी संगीत पद्धतियों के मेल से भारतीय संगीत में काफी बदलाव आया। उसी दौर के तानसेन, बैजूबावरा, रामदास व तानरंग खाँ के नाम आज भी चर्चित हैं। कहा जा सकता है कि भारतीय संगीत शताब्दियों के प्रयास व प्रयोग का परिणाम है। एक ऐसा समय था जब महेंद्र कपूर, शैलेंद्र, भूपेंद्र और कई अन्य जैसे प्रतिभाशाली गायक एक्स्ट्रा में बैठते थे मैदान को मोहम्मद रफ़ी, किशोर, मुकेश की आवाज़ों से सजाया गया था।

इसके अलावा उस सुनहरे युग के गीतों का पर्याप्त उपयोग होता था लेकिन आज के युग में आज हमें आवश्यकता है कि हम आत्मिक स्वरों के साथ अच्छे गीतों को खोजें। आज हमारे आसपास के माहौल में हर दूसरा गीत रचना ताजा सामग्री की तर्ज पर अतीत का रीमिक्स है और गायन की इन दिनों सिर्फ यादें रह गई हैं। लेकिन अभी भी कुछ कलाकार हैं जो संगीत की समृद्ध विरासत को जीवित रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनमें से एक Pankh Fessor है जो कुछ सार्थक सामग्री के साथ अखाड़े को ताजा सामग्री पहुंचा रहा है।हाल ही में उन्होंने अपना नया गीत “ज़िंदगी” नाम से जारी किया।

इन्होंने स्वयं इस गीत का गायन निर्देशन एवं संगीत देने का काम किया है। आजादी के उपलक्ष में इस गीत को प्रस्तुत करने के कई मायने बताएं। सत्ता के गलियारों से सियासत करने वाले राजनीतिक पार्टी भले ही देश के सैनिकों की गतिविधियों का इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए कर रही हो लेकिन देश के सैनिकों के लिए देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए शहीद होकर तिरंगे आंचल आना गर्व समझता है।

स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में हमारे गायक साथी Pankh Fessor ने एक शानदार गीत की प्रस्तुति के माध्यम से यह भाव समझाने का प्रयास किया है कि एक देश की महिला जिसका बचपन से ही सैनिक बनने , शान से देश के तिरंगे झंडे की शान के लिए शहीद होना। बहुत कम समय में इस गीत के माध्यम से उनके जीवन के सपने को सच करने लिए संघर्ष करते हुए को लक्ष्य तक पहुंचाया है।

सवाल तलब के दौरान उन्होंने संगीत के कई मायने बताएं और कहा कि मैं कह सकता हूं कि मैं संगीत में हूं और संगीत मेरे जीवन का वह महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अभी बाहर रहना असंभव है। मेरा मतलब है कि मेरे तीसरे मानक से मैं सभी प्राचीन टुकड़ों को गा रहा हूं। लेकिन फिर जहाँ तक प्रशिक्षण का सवाल है मैंने कभी कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया। 2018 में आपका पहला गीत “अडांगी” एक अच्छा हिट था जिसमें काफी सार्थक गीतों के साथ अच्छी ऑर्गेनिक पहुंच थी जो नया है और नया गाना जिंदगी किससे अलग है ? में भी गाने लोगों में काफी लोकप्रियता बटोरी है।

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