मध्य प्रदेश

कमलनाथ बोले- शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश को बना दिया मदिरा प्रदेश, यहां राशन महंगा और शराब सस्ती है

कहा- विकास की जगह हिसाब यात्रा निकाले सरकार, कांग्रेस आई तो खर्चों का श्वेतपत्र लाएंगे

छिंदवाड़ा। पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने बुधवार को फिर सीएम शिवराज सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई, तो शिवराज सरकार के खर्चों का श्वेतपत्र लाएंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में आबकारी नीति 2023-24 पर मुहर लगने को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश की छवि बदलकर मदिरा प्रदेश की कर दी है। यहां राशन महंगा और शराब सस्ती है। सरकार को विकास यात्रा की जगह हिसाब यात्रा निकालना चाहिए और जनता को अपनी असफलताएं गिनानी चाहिए।

कमलनाथ छिंदवाड़ा में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार सस्ती शराब बिकवा रही है। यही मोदी सरकार के अच्छे दिन हैं। प्रदेश सरकार की विकास यात्रा को लेकर कहा कि कई जगह पर इसका विरोध हो रहा है। पुलिस, प्रशासन और पैसे से यह सरकारी यात्रा निकाली जा रही है। 160 जगहों पर उनकी यात्रा का विरोध हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 18 साल का हिसाब नहीं दे पा रही है और मुझसे 15 महीने का हिसाब मांगते हैं। किस बेशर्मी से यह जवाब मांग सकते हैं। मेरे साढ़े 11 महीने का हिसाब जनता के पास है। मैं तो जगह-जगह जाता हूं। जनता से सवाल करता हूं कि किसका कर्जा माफ हुआ है, तो जनता इसका जवाब देती है। मुझे जवाब देने की क्या आवश्यकता है?

रोज कर्ज लेकर इवेंटबाजी में खर्च कर रही सरकार

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार रोजाना 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है और इसे इवेंटबाजी में खर्च कर रही है। सीएम जो भी घोषणाएं कर रहे हैं, पिछले तीन-चार महीनों से अगले तीन-चार महीनों में कौन सी लागू होनी हैं? अगले 7 महीनों में इसकी प्रक्रिया नहीं होगी। उन्होंने लाड़ली बहना योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कब मिलेगा, किसको मिलेगा, यदि यह सही है, इनके दिल में सच्चाई है, तो एडवांस में पैसा जमा करें। उन्होंने कहा कि किसानों को टमाटर का भाव नहीं मिल रहा। एक करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं, लेकिन शिवराज सरकार एक लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है। सब घोषणाबाजी है। कमलनाथ ने कहा कि जो रिक्त पद हैं, वह आप कर्ज लेकर भर दीजिए। प्रदेश में अराजकता का माहौल है। ये लोग सोच रहे हैं कि यह मैनेजमेंट कर चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। मतदाता जागरूक हैं।

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