धर्म

टूलकिट प्रोपेगेंडा पर महामंडलेश्वर अवधेशानंद ने कहा- हिन्दुओं के प्रमुख आस्था केंद्र कुंभ पर राजनीति न करें …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । टूलकिट मामले पर भाजपा और कांग्रेस के बीज जुबानी जंग लगातार जारी है। इस बीच कथित टूलकिट मामले के खिलाफ देश के शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है। मामले को सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और भारत की छवि बिगाड़ने का काम बताया गया है। वहीं कांग्रेस ने भी हमला करते हुए कहा है कि भारत में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के जरिए झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है। 

वहीं अब इस मामले पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने हिन्दुओं के आस्था प्रमुख केंद्र कुंभ का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में कोरोना संक्रमण फैलने के पीछे का प्रमुख कारण कुंभ का आयोजन था। उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन चल रहा था तब उत्तराखंड की स्थिति उस समय ठीक थी।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की संस्कृति, रीति-रिवाजों, आस्था और परंपराओं पर सुनियोजित तरीके से हमला कर जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है। कुंभ का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है। हमारा हिन्दू संत-समुदाय इसकी कड़ी निंदा करता है।

बता दें कि मंगलवार को टूलकिट मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीज दिनभर जुबानी जंग चलती रहीं। कांग्रेस ने इस बाबत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा, समेत अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।  कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और एसएचओ तुगलक रोड पुलिस स्टेशन को पत्र लिखा । पत्र में जेपी नड्डा,  संबित पात्रा, स्मृति ईरानी, बीएल संतोष समेत कई अन्य नेताओं के नाम हैं। पत्र में लिखा गया कि इन लोगों ने देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के जरिए झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनकी एक ‘टूलकिट’ के जरिए कोरोना संकट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने की साजिश रची जा रही है।

बता दें कि किसी आंदोलन या अभियान के लिए खास तरह की रणनीति बनाई जाती है। इसे ‘टूलकिट’ नाम दिया जाता है। यह एक प्रकार का दस्तावेज होता है। इसमें अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदुवार मुद्दे होते हैं। अपने अभियान को धार देने के लिए इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान भी एक ‘टूलकिट’ सामने आया था, जिसकी काफी चर्चा भी हुई थी।

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