माता गिरजा देवी महा महोत्सव प्रारंभ, निकली विशाल शोभायात्रा
भोपाल / बगसपुर। 2 से 10 दिसंबर तक हो रहे माता गिरजा देवी महा महोत्सव का शुभारंभ आज किया गया। जिसमें दोपहर 3 बजे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की विशाल शोभायात्रा का आयोजन समिति के द्वारा किया गया था। यह इस शोभायात्रा में 108 कलश लिए माताएं-बहनेँ चल रहीँ थीँ।
वहीं 108 ब्राह्मण एवं यजमान परिवार साथ साथ चल रहे थे वही इस यात्रा में ढ़ोल नगाड़ों के बीच हाथी घोड़े पर सवार साधु संत चल रहे थे उनके पीछे पीछे महाराजा जगतगुरु शंकराचार्य महाराज रथ पर विराजमान हुए लोगों को शुभ आशीष प्रदान कर रहे थे। इस यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त ब्रह्मचारी सुबोध आनंद कार्यक्रम के संयोजक दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आचार्य महामंडलेश्वर राम कृष्ण नंद एवं बड़े शास्त्री श्रीमद् भागवत कथा की पोती को लेकर साथ साथ चल रहे थे। वहीं इस यात्रा का स्वागत बगसपुर ग्राम के समस्त ग्रामवासियों द्वारा जगह-जगह तोरण द्वार पुष्प वर्षा कर एवं महाराजा की आरती उतारकर किया गया।
महाराजा का मंच पर पादुका पूजन विकास चौधरी नीलमणि पटेल विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ब्रह्मचारी सुबुधानंद ने किया एवं श्रीमद्भागवत गीता का पूजन किया गया एवं महाराजा जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपने मुखारविंद से अमृत मई वाणी में लोगों को श्रीमद्भागवत गीता के बारे में बताया माता गिरजा देवी महा महोत्सव श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभ अवसर पर द्वी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा हमारे वेद उपनिषद गीता रामायण में बतलाया गया है कि सबका मूल सच्चिदानंद है।
जिसके स्मरण से भवसागर तर जाता है ईश्वर ओ जाने वाले ब्रह्मा को जानने वाला परम पद प्राप्त कर लेता है प्राप्त करने के लिए अभिव्यक्ति की आवश्यकता है अभिव्यक्त ब्रह्म ही कल्याण करता है कास्ट सी अग्नि उत्पन्न होने पर ही जला जा सकता है लकड़ी में परमात्मा है पर इस से काम नहीं चलेगा लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित करना पड़ेगा। ईश्वर के चार रूप नामरूप लीला धाम इनमें से एक को पकड़ो तो उद्धार हो जाएगा लील आत्मक रूप मानव का कल्याण करता है लीलाएं सुनकर जन्म मरण का चक्कर दूर हो जाता है कृष्ण लीला से संबंधित श्रीमद् भागवत कथा मैं भगवान श्रीकृष्ण स्वयं अपना तेज प्रदान किया हुआ है।
श्रीमद् भागवत स्वयं ही श्रीकृष्ण भगवान का स्वरूप है हर शब्द में भगवान श्रीकृष्ण कृष्ण बिराजे हैं। जीव तीन प्रकार के साधक पेशियों को भोंगते हुए भोग का प्रबंध कर लेता है। उन्होंने ने बताया कि धर्म में लगी हुई संपत्ति परलोक में प्राप्त होती है दूसरे साधक जो जन्म मरण से छुटकारा चाहते हैं कर्म करोगे तो भोगने के लिए शरीर की आवश्यकता पड़ेगी। साधक सिर्फ मोक्ष के लिए प्रयास करता है जो ईश्वर का साक्षात्कार कर लेता है जिनकी तृष्णा समाप्त हो चुकी है वह भी कथा सुनते हैं। इसके पश्चात भगवान एवं श्रीमद्भागवत गीता की महाआरती बनारस से आए हुए पंडितों द्वारा की गई यह कार्यक्रम होंगे।
गोटेगांव से 5 किलोमीटर दूर ग्राम बगासपुर में मां गिरिजा देवी महा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण होंगे। जिनमें 108 श्रीमद् भागवत कथा जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज द्वारा की जाएगी। वृंदावन से आए ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा रासलीला का मंचन किया जाएगा। 56 लोग के द्वारा 56 भोग भगवान को अर्पित किए जाएंगे।
बनारस से आए ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन विशेष महाआरती की जाएगी। मां भगवती राजराजेश्वरी माता की शोभायात्रा भी ग्राम बगासपुर में निकाली जाएगी। निशुल्क मेला का भी आयोजन किया जा रहा है इच्छुक दुकानदार भी आयोजक समिति से संपर्क कर सकते हैं। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती चैरिटेबल ट्रस्ट शंकराचार्य नेत्रालय द्वारा आयोजन स्थल पर 7 दिन का निशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर एवं जर्नल मेडिकल शिविर आयोजित किया जा रहा है।