मध्य प्रदेश

कोई भी कोर्ट किसी से कमतर नहीं, हाई कोर्ट की मीटिंग में लिया गया अधीनस्थ शब्द विलोपित करने का निर्णय

मीटिंग में लिया फैसला: अधीनस्थ न्यायपालिका को जिला न्यायपालिका संबोधित किया जाए

जबलपुर। प्रदेश के जिला न्यायालय को अधीनस्थ न्यायपालिका के साथ जिला न्यायपालिका से संबोधित  किया जाएगा। इसके अलावा अन्य न्यायालय को विचारण कोर्ट के नाम से संबोधित किया जाएगा। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की फुल मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। ज्ञात हो, पूर्व में जिला न्यायालय को अधीनस्थ न्यायपालिका के रूप में संबोधित किया जाता था। इसी प्रकार अन्य न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालय संबोधित किया जाता था। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश ने फुल कोर्ट में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर अधीनस्थ शब्द को विलोपित कर दिया है। हाई कोर्ट के अलावा अन्य सभी न्यायालयों को जिला न्यायपालिका से संबोधित किया जाएगा। इसी प्रकार हाई कोर्ट के अलावा अन्य सभी न्यायालयों को विचारण न्यायालय कहा जाएगा। फुल मीटिंग में माना गया कि जिला न्यायपालिका स्वतंत्र न्यायपालिका है और यह किसी भी इकाई के अधीनस्थ या उससे कमतर नहीं है।

अधीनस्थ शब्द विलोपित करने वाला मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य

ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया है। इसके पहले हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ की अगुवाई में आयोजित दो अगस्त 2021 को आयोजित फुल कोर्ट मीटिंग में प्रस्ताव पारित करके अधीनस्थ न्यायपालिका शब्द को जिला न्यायपालिका शब्द से और अधीनस्थ न्यायालय को ट्रायल कोर्ट शब्द से प्रतिस्थापित किया था।

कल नवागत सिविल जजों का होगा शपथ ग्रहण समारोह

मध्यप्रदेश के न्यायिक इतिहास में प्रथम अवसर है, जब नवागत सिविल जजों के लिए शपथ-ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। राज्य शासन ने दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह में 127 सिविल जज की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। नवनियुक्त सिविल जज के लिए 19 दिसंबर को हाई कोर्ट में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा रहा है। इसके पहले सिविल जज के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित नहीं किया जाता था। ज्वॉइनिंग के समय दस्तावेज कार्यवाही पूर्ण होती थी।

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