मध्य प्रदेश

एमपी विधानसभा सत्रः सदन में महू में हुए बवाल का मुद्दा गूंजा, सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई तीखी नोकझोंक, कांग्रेस ने किया वाॅकआउट

नरोत्तम बोले- पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, नेता प्रतिपक्ष ने कहा- सीने पर मारी गई 

कैलाश गौर/भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही महू में आदिवासी युवती की हत्या और पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की मौत का मामला गूंजा। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। सदन में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर दोबारा बहस छेड़ दी। हालांकि, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा- शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि युवती की मौत करंट से हुई है। पुलिस ने भीड़ से बचने के लिए फायरिंग की। इसमें युवक की जान चली गई। मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए दिए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले, पुलिस को कमर के नीचे गोली चलाने के निर्देश होते हैं, लेकिन महू पुलिस ने  आदिवासी युवक के सीने पर गोली मारी। पूर्व मंत्री और महेश्वर से विधायक विजयलक्ष्मी साधो ने कहा- एफआईआर में 3 घंटे का गैप है। लाठीचार्ज कर सकते थे, सीधे गोली मार दी। इसी गहमागहमी और हंगामे के चलते कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर गए।

इससे पहले सदन की शुरूआत में ही नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सदन में महू का मामला उठाया। इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में कहा कि सीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। पूरी घटना की सत्यता की जांच के आदेश हो गए, थोड़ी देर में स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में 13 पुलिस के जवान घायल हुए हैं। थाना प्रभारी भी गंभीर रूप से घायल हैं। इसी बीच बचाव में गोली चल गई। इस पर कमलनाथ बोले- मेरे पास आंकड़े हैं। मैं ये पटल पर रख रहा हूं। मजिस्ट्रियल जांच तो होती रहती है होता कुछ नहीं। नरोत्तम मिश्रा बोले- आप भी घटना को गंभीर मान रहे, हम भी मान रहे है। कमलनाथ ने कहा- मजिस्ट्रियल जांच की समय सीमा तय करें। इस पर नरोत्तम ने कहा कि यह भी आप तय कर लें। कमलनाथ ने कहा- यह दु:ख और शर्म की बात है, हमें नहीं आपको भी शर्म आनी चाहिए। नरोत्तम मिश्रा बोले- जांच चल रही है। शून्यकाल आते-आते और जानकारी आ जाएगी। बहरहाल, दो बातें सामने आ रही हैं। उसके साथ बिटिया रहती थी। पानी गर्म करने वाली रॉड से करंट लगने से युवती की मौत होने की बात सामने आई है। उधर, युवती के परिवार ने जिस पर हत्या का आरोप लगाया, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। भीड़ थाने पहुंच गई और आरोपी को हवाले करने की मांग कर पथराव कर दिया। बीच-बचाव में गोली चली।

विजयलक्ष्मी साधौ और सज्जन वर्मा ने भी सरकार को घेरा

घटना पर पूर्व मंत्री और महेश्वर से विधायक विजयलक्ष्मी साधौ बोलीं- गृहमंत्री ने लड़की का चरित्र चित्रण पहले से कर दिया कि वह लिवइन में रहती थी। लड़की की मां सीधे-सीधे आरोप लगा रही है कि उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार आज सुबह 6.30 से 7 बजे के बीच पुलिस की कस्टडी में हुआ। मामा आदिवासियों के हितैषी बनकर ढोंग रच रहे हैं। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा, लटेरी कांड में जांच कमेटी बनाई, समय पूरा हो गया, फिर समय बढ़ा दिया। इस मामले में भी कमेटी बना दी, यहां भी समय बढ़ा देंगे। हमने दोनों मृतक के परिवार को 1-1 करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी की मांग की, तो गृहमंत्री मौनी बाबा बनकर बैठ गए।

घटना संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिए बड़ा कलंक : कमलनाथ

इससे पहले पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सदन के बाहर कहा कि महू की घटना पूरे मध्यप्रदेश के लिए बड़ा कलंक है। 18 साल में भाजपा सरकार ने यह हासिल किया है कि मध्यप्रदेश को आदिवासी अत्याचार के 13 मुकुट मिले हैं। बाकी 5 बार प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा है। यह यह एनसीआरबी की रिपोर्ट है।

महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र का है मामला

ज्ञात हो, धार जिले की महू तहसील के बडगोंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी युवती की मौत के बाद बुधवार की रात में बवाल हो गया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव किया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी कर दी। इस पूरे बवाल में बडगोंदा थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आईजी आर. गुप्ता ने कहा- पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई।

सदन में राशन वितरण में गड़बड़ी का मामला भी उठा

कांग्रेस विधायक लखन सिंह यादव ने राशन वितरण में गड़बड़ी का मामला उठाया। उन्होंने पूछा- मामले में क्या कार्रवाई हुई। इस पर खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने जवाब दिया कि 6 दुकान संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लखन सिंह बोले- 123 दुकानों की जांच करवाएं, पता चल जाएगा राशन वितरण में क्या हो रहा है। जांच दल में मुझे शामिल किया जाए, जांच में लीपापोती हो जाती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- जांच के दौरान आपको सूचना दे दी जाएगी।

गोपाल भार्गव बोले- विधायकों में बनी नई प्रवृत्ति

वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि आजकल विधायकों की नई प्रवृत्ति बन गई है, जांच दल में हम भी शामिल होंगे। आधे मामलों में जांच की बात करते हैं। आपको जांच पर आपत्ति है तो विधानसभा में सूचना दें। लाखन सिंह बोले- अधिकारी प्रदेश को खा रहे हैं। कमलनाथ बोले- आखिरकार विधायक को शामिल नहीं करने का कारण क्या है। कौन सा परहेज है, कौन सा डर है, कौन सी बात दबाना चाहते हैं। मैं आपसे कहता हूं हम भी आपको शामिल करेंगे। इस पर मंत्री विश्वास सारंग बोले- आपका सपना पूरा नहीं होगा। कमलनाथ- कुछ महीने बाद ऐसा ही होगा।

पूर्व सीएम कमलनाथ बोले- जनता हमारी ज्योतिषी

कमलनाथ- अध्यक्ष के निर्देश होना चाहिए कि जो सदस्य मांग कर रहा है उसे जांच समिति में शामिल करें। गोपाल भार्गव- ऐसा कौन सा ज्योतिषी है हमें भी बता दें। कमलनाथ- जनता हमारी ज्योतिषी है। दोनों पक्षों के बीच जमकर गहमागहमी हुई। नरोत्तम मिश्रा- यह विधायक जांच समिति में सदस्य बनना क्यों चाहते हैं। ऐसी सस्ती बात क्यों कर रहे हैं, कोई तत्कालीन मामला हो तो भी ठीक है। कमलनाथ आजकल यही बोल रहे हैं। अधिकारियों को बुला-बुलाकर कहते हैं हमारी सरकार आएगी, राहुल गांधी विदेश में जाकर देश की बुराई करते हैं, सज्जन वर्मा बोले- आप तो देश बेच रहे हैं।

अलावा बोले- गोली चलाने का आदेश किसने दिया

मंडला जिले के निवास क्षेत्र के विधायक अशोक मर्सकोले बोले-आदिवासियों का मामला आता है, तो ऐसे दबाया क्यों जाता है। इस पूरे मामले को ढंकने की कोशिश की गई है। इसी बीच धार जिले के मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि गोली चलाने का आदेश किसने दिया, चाहे गृहमंत्री ही क्यों न हों, उन पर कार्रवाई होना चाहिए। यह आदिवासी बर्बरता का सबसे बड़ा उदाहरण है, इसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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