मध्य प्रदेश

झाड़ू-बर्तन साफ करने को लेकर हुए विवाद में मां-बेटी ने खाया जहर, बेटी की मौत, मां गंभीर

मदरसे में पढ़ाती थी बेटी, मां को गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया

खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा में झाड़ू-बर्तन साफ करने की बात पर मां-बेटी में हुई मामूली कहासुनी का विवाद इतना बढ़ा कि गुरुवार सुबह दोनों मां-बेटी ने टॉयलेट क्लीनर पी लिया। इसमें इलाज के दौरान 23 साल की बेटी की मौत हो गई। वह मदरसा टीचर थी। वहीं, गंभीर हालत में उसकी मां को इंदौर रेफर किया गया है। मामला खंडवा शहर कोतवाली क्षेत्र के घासपुरा स्थित मस्जिद के पास का बताया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार आज सुबह 8.30 बजे आबिदा बी (40) और उसकी बेटी शबनम (23) के बीच विवाद हुआ। विवाद से गुस्साई मां ने टॉयलेट क्लिनर उठा लिया, इस बीच बेटी ने मां के हाथ में से एसिड की बोतल छुड़ाकर खुद पी ली। इसके बाद मां ने भी एसिड पी लिया। यह देखकर महिला का बेटा रेहान घबरा गया। उसने अपने मौसा गुलाम मोहम्मद को बुलाया। गुलाम के पहुंचने पर दोनों मां-बेटी को ऑटो से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में भर्ती कराने के कुछ समय बाद ही सुबह 9.30 बजे शबनम ने दम तोड़ दिया। मां आबिदा बी पति रमजान की भी हालत गंभीर होने के कारण उसे 108 एंबुलेंस से इंदौर रेफर कर दिया गया। गुलाम मोहम्मद ने बताया कि आज सुबह सवा 9 बजे मैं घर पर था। भांजा रेहान आया। बोला कि मम्मी और बहन ने एसिड पी लिया है। हम दोनों को अस्पताल लेकर पहुंचे। एक डेढ़ घंटे बाद शबनम ने दम तोड़ दिया। मां-बेटी की बर्तन-झाड़ू करने को लेकर बहस हुई थी। इसी पर उन्होंने गलत कदम उठा लिया।

मदरसे की टीचर थी बेटी शबनम

गुलाम मोहम्मद के अनुसार मृतका 23 वर्षीय शबनम, मदरसे की टीचर थी। आलिमा यानी मदरसे की टीचर बनने के लिए उसने इंदौर में रहकर पढ़ाई की थी। खंडवा आकर वह मदरसे के साथ-साथ गली-मोहल्लों में जाकर बच्चों को पढ़ाती थी। शबनम के इस कदम से समाज भी आहत है। वह पढ़ी-लिखी होकर मामूली से विवाद में जान से खिलवाड़ कर बैठी। मां आबिदा ने भी उसे टॉयलेट क्लिनर पीने से नहीं रोका। बल्कि, बेटी के पीने के बाद उसने भी गटक लिया। घटना के बाद से घासपुरा इलाके में मातम पसरा हुआ है।

पिता वेल्डिंग वर्कर, लेकिन परिवार संपन्न

गुलाम मोहम्मद ने बताया कि शबनम के पिता रमजान का वेल्डिंग का काम है। वह चद्दर से लोहे के अलमारी आदि बनाने का काम करते हैं। लेकिन, आर्थिक रूप से परिवार काफी संपन्न है। आलिशान मकान बना हुआ है, वहीं कुछ प्रॉपर्टी भी है, जो किराये पर दे रखी है। आबिदा का मायका पक्ष भी काफी संपन्न है।

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