बिलासपुर

विधायक शैलेश पांडेय ने कहा- कोटा राजस्थान में जिनके बच्चे हैं वे लेकर आना चाहते हैं तो तत्काल आवेदन कलेक्टर को दें

बिलासपुर। राजस्थान के कोटा में कोचिंग के लिए गए बच्चों को वापस बिलासपुर लेकर आने का रास्ता निकलते नजर आ रहा है। राज्य शासन ने जिला स्तर से इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। आज इसी संदर्भ में विधायक शैलेश पांडेय ने बिलासपुर के लोगों को एक अपील जारी कर कहा कि जिनके बच्चे कोटा में अभी हैं यदि उनको लेकर आना चाहते हैं तो एक आवेदन कलेक्टर बिलासपुर को तत्काल दें।

राजस्थान के कोटा सहित जयपुर व कई स्थानों में छत्तीसगढ़ के बच्चे बड़ी संख्या में पीएमटी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग करने राजस्थान जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक राजस्थान में लगभग 4 हजार बच्चे छत्तीसगढ़ के इस वक्त हैं। लॉकडाउन के शुरूआत में यह माना जा रहा था कि कुछ दिनों में सब सामान्य हो जाएगा। इसलिए कोचिंग सेंटर वाले, बच्चे और उनके अभिभावक किसी ने भी कोरोना संक्रमण को गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि पूरे देशभर के बच्चे अभी भी कोटा सहित अन्य जगहों में जहां कोचिंग के लिए गए हैं वहीं फंसे हुए हैं।

छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार के बीच पिछले सप्ताह से इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। राजस्थान सरकार ने यह साफ कह दिया है कि बच्चों को आप ले जा सकते हैं। बच्चों के अभिभावक भी लगातार शासन व जिला प्रशासन से प्रयास कर रहे हैं कि उनको राजस्थान जाने की अनुमति मिल जाए। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने यह तय कर लिया है कि राजस्थान में फंसे बच्चों को लाना तो है लेकिन किस व्यवस्था में बच्चे आएंगे इसे अभिभावकों को ही तय करना है। उत्तरप्रदेश के लगभग 8 हजार बच्चे राजस्थान में हैं।वहां की सरकार ने 252 बसें राजस्थान के लिए रवाना कर दी है। सभी बच्चे बसों से ही उत्तरप्रदेश के अलग-अलग शहरों में आएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी यह तैयारी कर रखी है कि बच्चों को बसों से बुलवाया जाएगा। मगर अभिभावक अपने साधन से अपने बच्चों को लेकर आना चाहेंगे तो शायद इस पर भी विचार हो सकता है यानी कि अभिभावकों को राजस्थान जाने के लिए अनुमति मिल सकती है।

बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय के पास इस संबंध में कई अभिभावक मिल चुके हैं जिनके बच्चे राजस्थान में कोचिंग करने के लिए गए हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो यह तय कर लिया है कि बच्चों को राजस्थान से लेकर आना है लेकिन संसाधन की व्यवस्था जिले के हिसाब से होना है। आज इसी संदर्भ में बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय ने एक आपील जारी की है। जिसे हम हुबहू पाठकों को दे रहे हैं …

 

बिलासपुर के सभी सम्मानीय नागरिकों जिनके बच्चे राजस्थान कोटा में अध्ययन कर रहे है उनसे अपील करता हूं।

 

प्रिय और आदरणीय अभिभावक गण प्रणाम, आपसे निवेदन है कि यदि आपके बच्चे अभी कोटा (राजस्थान ) में अध्ययन कर रहे है तो उनकी जानकारी तत्काल अपने जिले के सम्मानीय कलेक्टर साहब को तत्काल सूचना दीजिये और यदि संभव हो तो मुझे भी यह जानकारी देने का कष्ट करें ताकि उन सभी बच्चों की लिस्ट को नंबर सहित छत्तीसगढ़ शासन को भेजी जा सके और फिर शासन उन बच्चों को यहां लाने का समुचित प्रयास कर सके। शासन के निर्णय के अनुसार ही उन बच्चों को बिलासपुर लाया जा सकेगा।

आपसे  पुनः निवेदन है कि उन बच्चों की पूरी जानकारी जिले के कलेक्टर को देने का कष्ट करें।

 

सादर

-शैलेश पाण्डेय

विधायक बिलासपुर

इसी तरह की अपील राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख ने की है। राजनांदगांव के अभिभावक मोबाइल नंबर 8962931636 में संपर्क कर सकते हैं। इसी तरह जगदलपुर सहित बस्तर संभाग के जो बच्चे राजस्थान के कोटा में फंसे हैं और वे आना चाहते हैं तो जगलपुर के विधायक रेखचंद जैन से मोबाइल नंबर 9425258577 से संपर्क कर सकते हैं। इसमें बच्चे का नाम, पिता का नाम, बच्चा जहां कोचिंग कर रहा है और उसका पूरा पता आवेदन के साथ देना होगा।

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