छत्तीसगढ़रायपुर

मंत्री रविन्द्र चौबे ने किया प्लग टाईप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन का लोकार्पण …

रायपुर। संसदीय कार्य एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने धमधा के ग्राम राजपुर में स्थापित शासकीय बीज प्रगुणन में 5 करोड़ 81 लाख 62 हजार रूपए की लागत से प्लग टाईप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन का लोकार्पण किया। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि दस महीने पहले राजपुर आया था।

ग्रामीणों ने कहा कि जमीन यहां बहुत है कुछ अच्छा काम होना चाहिये। फिर ऐसा सोचा कि यहाँ कुछ करना चाहिए, आज यह मुकम्मल हो गया। चौबे ने कहा कि देश भर में धमधा का टमाटर जा रहा है। अभी भी यहां से काफी टमाटर सप्लाई हो रही है। मुझे जब प्लग टाइप इकाई का प्रस्ताव अधिकारियों ने बताया तो मुझे बहुत पसंद आया। आज इतनी सुंदर और गुणवत्तापूर्ण यूनिट तैयार हुई है। इसके पीछे ग्रामीणों का सहयोग और अधिकारियों की कड़ी मेहनत है। यहाँ सोसाइटी जल्द आरम्भ होगी। इससे रोजगार की संभावना बढ़ेगी।

यदि फलोद्यान ज्यादा से ज्यादा लगाएंगे तो आमदनी भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। यह नर्सरी किसानों के लिए बहुत उपयोगी होगी। सरकार बनने के साथ ही कर्ज माफी की गई। हमने लोगों को कर्जमाफी का वायदा किया था ये पूरा हुआ। 20 हजार करोड़ की धान खरीदी की गई 2500 रुपये क्विंटल की दर से। राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से किसानों को आर्थिक संबल प्रदान किया गया। उक्त इकाई की स्थापना होने से फल, सब्जी, मसाला एवं पुष्प वाली फसलों के सीडलिंग (थरहा) उच्च तकनीकी से तैयार किया जा सकेगा।

यहां प्रतिमाह 10 लाख पौधे तैयार जा सकेंगे। इससे जिले के साथ ही आस-पास के जिले के कृषकों को गुणवत्ता युक्त स्वस्थ एवं रोग रहित पौधे प्राप्त होंगे जिससे फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी का लाभ मिलेगा। इस इकाई की स्थापना से जिले के साथ ही बेमेतरा, कबीरधाम, राजनांदगॉव, जिले के किसानों को बीज प्रगुणन का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दुर्ग जिला उद्यानिकी फसलों की खेती के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां के कृषकों द्वारा परंपरागत खेती से लेकर उच्चस्तरीय वैज्ञानिक पद्धति से उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं।

जिले में मुख्य रूप से टमाटर, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च, गोभी वर्गीय तथा केला, पपीता, अमरूद, एप्पल बेर की खेती प्रमुखता से किया जा रहा है। यहां के कृषकों के द्वारा उत्पादित फसलों को स्थानीय मंडी से लेकर राज्य से बाहर के बजारों में भी भेजा जाता है। जिले में सभी फसलों का रकबा लगभग 1 लाख 92 हजार 214 हेक्टेयर है, जिसमें 49 हजार 734 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल शामिल है।

प्लग टाईप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट से यह लाभ मिलेगा-प्लग टाईप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना होने से कृषकों को उच्च गुणवत्ता युक्त पौधे प्राप्त होगी। इससे तैयार पौधे कीट, बीमारी एवं व्याधियों से मुक्त पौधे उपलब्ध होगी। बीज की बचत होगी। किसानों को हर मौसम में गुणवत्ता युक्त पौधे उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस तकनीक से पौधे तैयार करने में सभी बीजों का जमाव होता है। नर्सरी में पौधे उखाड़ते समय पौधों की जड़े टुटती नहीं है, साथ ही कम समय में पौधे तैयार हो जाते हैं। इसके अलावा सभी पौधों की बढ़वार एक समान होती है, सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे कृषक समुचित समय पर पौधों की रोपाई कर सकेंगे। साथ ही कृषकों के आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा।

यूनिट का लक्ष्य-प्लग टाईप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना होने से गुणवत्ता युक्त रोपण सामाग्री की उपलब्धता जिले के किसानों को हो सकेगी। ग्रामीण युवक एवं युवतियों को रोजगार मिलेगा। सब्जी रोपाई के उत्पादन के लिए नवीन तकनीकों के लिए एक प्लग प्रकार वनस्पति बीज उत्पादन इकाई स्थापित करना है। बगवानी उद्योग में तकनीकी विकास में किसानों की भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके जरिए किसानों उत्पादकों और उद्यमियों को तकनीकी जानकारी प्रदान करना है। बागवानी उद्योग में उद्यमिता के लिए युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।

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