मध्य प्रदेश

मां पीतांबरा आज रथ में सवार होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाने निकलेंगी

देशभर में आस्था का केंद्र दतिया की अधिष्ठात्री देवी मां पीतांबरा का प्राकट्य उत्सव आज

 

कैलाश गौर, भोपाल देशभर में आस्था का केंद्र दतिया की अधिष्ठात्री देवी पीतांबरा का प्राकट्य उत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। कल 24 अप्रैल को मां पीतांबरा रथ में सवार होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाने निकलेंगी। पूरे शहर में माई महाराज भव्य रथ में बैठकर भ्रमण करेंगी। देश के तमाम राजनेता एवं मां के भक्त इस यात्रा में शामिल होंगे। यात्रा को लेकर पूरे नगर में उत्सव का माहौल है। बच्चाबच्चा माई की रथ यात्रा को लेकर उत्साहित है। पूरे नगर में मां पीतांबरा की रथ यात्रा निकाली जाएगी। रथ यात्रा को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

कई गायक होंगे शामिल

मां पीतांबरा की रथ यात्रा एवं मां पीतांबरा के प्राकट्योत्सव को दतिया गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसे लेकर तमाम विद्यालय के छात्रछात्राओं ने सांस्कृतिक रैली निकालकर यात्रा का संदेश दिया। नगर की सड़क से इस यात्रा को आरंभ किया गया। स्टेडियम प्रांगण में यात्रा का समापन हुआ। दतिया गौरव दिवस में देश के तमाम नामचीन गायक शामिल होंगे। दतिया में उत्सव जैसा माहौल दिखाई दे रहा है। नगर का बच्चाबच्चा मां पीतांबरा की रथ यात्रा को लेकर उत्साहित है।

घरघर दीप जलाए जाएंगे

दतिया गौरव दिवस पर मां पीतांबरा रथ में सवार होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाने निकलेंगी। पूरे शहर में माई महाराज रथ में बैठकर भ्रमण करेंगी। आज शाम को पीतांबरा मंदिर में दीपोत्सव का त्योहार मनाया जा रहा है। पूरा पीतांबरा मंदिर दीपों से जगमगा उठेगा। हर दतियावासी आज दतिया में दीवाली मनाएगा। आज शाम को दतिया नगर बिजली की नहीं बल्कि दीपों की रोशनी से जगमगाएगा। दतिया में दिवाली मनाई जाएगी। दीपोत्सव का माहौल रहेगा। तमाम विद्यालयों के छात्र छात्राओं के द्वारा एक विशाल सांस्कृतिक रैली निकालकर यात्रा का आगाज किया गया है। सांस्कृतिक यात्रा में दतिया नगर के सभी विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने लिया महोत्सव की तैयारियों का जायजा

माँ पीताम्बरा प्राकट्य महोत्सव की दतिया में भव्य तैयारियाँ हो रही हैं। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में सोमवार 24 अप्रैल को होने वाले महोत्सव की तैयारियों का जायजा लिया। डॉ. मिश्रा ने स्टेडियम ग्राउण्ड पहुँच कर प्राकट्य महोत्सव पर निकलने वाली माई की भव्य रथयात्रा की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि माई के आशीर्वाद से दतिया में भव्य आयोजन होने जा रहा है। प्राकट्य महोत्सव पर निकलने वाली रथयात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। दतियावासी सभी श्रद्धालुओं का स्वागत पलकपावड़े बिछा कर करने के लिये आतुर हैं। डॉ. मिश्रा ने इस पुण्य अवसर पर दतिया पहुँचने वाले माई के भक्तों के लिये भंडारे में तैयार हो रहे मिष्ठान्न निर्माण में हाथ बँटाया।

मां पीतांबरा मंदिर दतिया के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है। इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं। राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं।
  • मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है।
  • इस सिद्धपीठ की स्थापना 1935 में स्वामीजी के द्वारा की गई। ये चमत्कारी धाम स्वामीजी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में जाना जाता है।
  • भक्तों को मां के दर्शन एक छोटी सी खिड़की से ही होते हैं। मंदिर प्रांगण में स्थित वनखंडेश्वर महादेव शिवलिंग को महाभारत काल का बताया जाता है।
  • इस सिद्धपीठ की स्थापना 1935 में स्वामीजी के द्वारा की गई। ये चमत्कारी धाम स्वामीजी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में जाना जाता है।
  • भक्तों को मां का दर्शन एक छोटी-सी खिड़की से होता है। मंदिर प्रांगण में स्थित वनखंडेश्वर महादेव शिवलिंग को महाभारत काल का बताया जाता है।
  • सिंधिया घराने के लोगों के लिए तो मंदिर परिसर में एक विशेष गेस्ट हाउस बना हुआ है। व्यक्तिगत अनुष्ठान के दौरान इस परिवार के लोग मंदिर परिसर में रुकते हैं।
  • ऐसा कहा जाता है कि कई वर्ष पहले राजमाता विजयाराजे सिंधिया नवरात्र के दौरान यहां पूरे नौ दिन साधना किया करती थीं।
  • माधवराव सिंधिया, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मां पीतांबरा शक्ति पीठ बगलामुखी की कृपा से राजनीति की ऊंचाइयों के शिखर को छुआ है।
  • इसी तरह मुंबई बम कांड के दोषी संजय दत्त भी अपने उपर चल रहे मुकदमे के दौरान मां के दरबार में मत्था टेकने आए थे।

जब-जब देश पर विपत्तियां आईं, माता ने  की रक्षा

बात उन दिनों की है जब भारत और चीन का युद्ध 1962 में प्रारंभ हुआ था। बाबा ने फौजी अधिकारियों एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर देश की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था। परिणामस्वरूप 11वें दिन अंतिम आहुति के साथ ही चीन ने अपनी सेनाएं वापस बुला ली थीं। उस समय यज्ञ के लिए बनाई गई यज्ञशाला आज भी है। यहां लगी पट्टिका पर इस घटना का उल्लेख है। जब-जब देश के ऊपर विपत्तियां आती हैं तब-तब कोई न कोई न कोई गोपनीय रूप से मां बगलामुखी की साधना व यज्ञ-हवन अवश्य ही कराते हैं। मां पीतांबरा शक्ति की कृपा से देश पर आने वाली बहुत सी विपत्तियां टल गई हैं। इसी प्रकार सन् 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मां बगलामुखी ने देश की रक्षा की। सन् 2000 में कारगिल में भारत-पाकिस्तान के बीच पुनः युद्ध हुआ। तब भी कुछ विशिष्ट साधकों ने मां बगलामुखी की गुप्त रूप से पुनः साधनाएं एवं यज्ञ किए जिससे दुश्मनों को मुंह की खानी पड़ी। ऐसा कहा जाता है कि यह यज्ञ तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर कराया गया था।

 

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