नई दिल्ली

दिल्ली में चलेंगी लग्जरी प्रीमियम AC बस, लाइसेंस लेने के लिए देने होंगे 5 लाख रुपये, ऐसे बुक होगी टिकटें…

नई दिल्ली . दिल्ली सरकार के मुताबिक भारत में यह पहली बार होगा, जब दिल्ली की सड़कों पर लग्जरी प्रीमियम बसें दौड़ेंगी. इन बसों में ऐप या वेब से ही टिकट की बुकिंग होगी और सभी को सीट मिलेगी. इस स्कीम में खास बात यह है कि बसों को चलाने के लिए रूट का निर्धारण सरकार नहीं करेगी, बल्कि ट्रैफिक के अनुसार एग्रीगेटर खुद बसों का रूट तय करेगा, लेकिन दिल्ली सरकार को इसकी सूचना देनी होगी. एग्रीगेटर ही मार्केट के अनुसार प्रीमियम बसों का किराया तय करेगा.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर में दिल्ली सरकार बदलाव लाने जा रही है. विकसित देशों की तरह ही दिल्ली में रहने वाले लोग भी आने वाले दिनों में लग्जरी बसों में सफर कर पाएंगे.

दिल्ली सरकार ने स्कीम को अंतिम रूप दे दिया है और अब इसे मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा जा रहा है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रीमियम बस योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ट्रैफिक बहुत ज्यादा है, क्योंकि निजी वाहन ज्यादा हैं. अगर कार और स्कूटर पर सफर करने वाले लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ले जाना है तो हमें इसे आरामदायक, सुरक्षित और इसकी टाइमिंग सुनिश्चित करनी होगी.

इन बसों में सफर उतना आरामदायक नहीं है, जो मध्यम व उच्च मध्यम वर्ग उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि इन वर्गो की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हम पिछले चार-पांच साल से प्रीमियम बस योजना पर काम कर रहे थे.ये प्रीमियम बसें आरामदायक होंगी.

दो गुना दो की सीट वाली बसें होंगी. सभी बसें वातानुकूलित होंगी. इनमें वाई फाई, जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन की सुविधा होगी. किराये का भुगतान डिजिटली करना होगी. कोई भी यात्री को बस में खड़े होकर यात्रा करने कर अनुमति नहीं होगी. बस में जितनी सीटें होंगी उतनी ही यात्री बस में चढ़ सकेंगे.दिल्ली सरकार ने स्कीम में शर्त लगाई है कि डीटीसी के किराये से प्रीमियम बस का किराया अधिक होगा. प्रीमियम बसों का एक ‘लोगो’, कलर कोड और यूनिफार्म तय किया जा रहा है.

इसके लिए एग्रीगेटर को 5 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. सरकार ने लाइसेंस फी भी तय कर दी है. इसके तहत नया लाइसेंस लेने के लिए 5 लाख रुपए देने होंगे. लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट लाइसेंस लेने और एड्रेस चेंज कराने पर 2500 रुपए बतौर शुल्क देने होंगे. जबकि इलेक्ट्रिक बस लाने वाले एग्रीगेटर को लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी. वहीं, एग्रीग्रेटर को लाइसेंस लेने के लिए सिक्युरिटी भी जमा करनी होगी. अगर एग्रीगेटर 100 बस लाना चाहता है तो इसके लिए एक लाख रुपए बतौर सिक्युरिटी जमा करना होगा. इसी तरह, 1000 तब बसें लाने पर 2.50 लाख रुपए और 1000 से अधिक बसें लाने पर 5 लाख रुपए जमा करने होंगे.

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