मध्य प्रदेश

पुजारी आत्महत्या मामले में लाइन अटैच टीआई अब सस्पेंड

एसटी-एससी एक्ट में केस दर्ज होने पर पुजारी ने की थी आत्महत्या, परिजनों का आरोप- एक लाख नहीं देने पर पुलिस ने दर्ज की झूठी रिपोर्ट

भोपाल/अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में एसटी-एससी एक्ट के तहत केस दर्ज होने से आहत पुजारी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में एसपी ने बड़ा एक्शन लिया है। पुजारी के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि मामला दर्ज नहीं करने के एवज में उनसे एक लाख रुपए मांगे। मामले में एसपी जितेंद्र पवार ने गुरुवार को थाना प्रभारी अजय बैगा को लाइन अटैच किया था, जिसे शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया गया।

घटना अनूपपुर जिले के कोतमा थाना क्षेत्र के खोड़री नंबर 1 की है। यहां के एक मंदिर के 50 वर्षीय पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ सुशीला रैदास नाम की महिला ने 30 मई को कोतमा थाने में मारपीट कर जातिगत अपशब्दों का प्रयोग किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस बुधवार-गुरूवार की रात लगभग 1 बजे पुजारी रामेश्वर पांडेय को घर से उठाकर थाने ले गई। पुलिस ने पुजारी को रात भर थाने में बंद कर रखा था।

परिजन बोले- 1 लाख ना देने पर पुलिस ने दर्ज की झूठी रिपोर्ट

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने रामेश्वर पांडेय के मोबाइल से परिजनों को फोन कर मामला दर्ज न करने के एवज में 1 लाख की मांग की गई थी। वहीं, परिजनों ने रुपए देनेे से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि महिला ने झूठी रिपोर्ट लिखाई है, हमारे पास इतने रुपए नहीं हैं, हम नहीं दे सकते। रुपये नहीं देने पर पुलिस ने पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ धारा 294, 323, 506, एवं 3 (1) द, 3(1) घ, 3(2) (VA) एसटीएससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 24 घंटे के बाद मुचालका जमानत पर छोड़ा था। इसके बाद आत्मग्लानि से 1 जून की सुबह रामेश्वर पांडेय ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

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