रायपुर

कोटा राजस्थान कोचिंग के लिए गए बच्चे बसों में आ रहे हैं छत्तीसगढ़, सरकार को चिंता कैसे होगी जांच-पड़ताल और कहां रखेंगे बच्चों को

रायपुर {प्रमोद शर्मा} । पीएमटी-नीट सहित अन्य परीक्षाओं के लिए कोटा राजस्थान गए छत्तीसगढ़ के 4 हजार बच्चे फंसे हुए हैं। इन बच्चों को राजस्थान सरकार विशेष बस से छत्तीसगढ़ रवाना कर दिया गया है। ये बच्चे राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ सहित पूरे छत्तीसढ़ के हैं। अभी कितने बच्चे आ रहे हैं यह कंफर्म नहीं है लेकिन अलग-अलग बार्डर में बस पहुंचने की सूचना मिलने लगी है।

राजस्थान सरकार से इस आशय की सूचना मिलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार सक्ते में है कि राजस्थान से आ रहे बच्चों को कहां रखा जाएगा। सीधे उनके घरों को भेज नहीं सकते जब तक स्क्रिनिंग और प्राथमिक जांच पड़ताल न हो जाए। इसके बाद फिर उनको घरों में रहने के लिए कहा जाएगा लेकिन बच्चे या उनके अभिभावक निर्देशों का कितना पालन करते हैं इस पर अभी से उच्चाधिकारी संशय की स्थिति में हैं।

पीएमटी, आईआईएम सहित अन्य परीक्षाओं के लिए कोचिंग का हब राजस्थान बना हुआ है। राजस्थान में भी देश भर के लोगों की पहली पसंद कोटा है। जानकारी के मुताबिक यहां हर साल पूरे देश भर से तकरीबन डेढ़ से दो लाख बच्चे कोचिंग के लिए आते हैं। दसवीं परीक्षा होने से पहले ही कोचिंग के लिए सीटें बुक होने लगती हैं। 11 वीं और 12 वीं यहां पर डमी क्लास के रूप में रहता है। बच्चों का पूरा फोकस कोचिंग पर रखा जाता है। नए शिक्षा सत्र के लिए अप्रैल से ही बच्चों को कोचिंग सेंटर्स में दाखिला लेना था। ज्यादातर पैरेंट्स 2 माह पहले से ही अपनी सीट बुक करवा चुके हैं। यानी कि कोचिंग सेंटर, हास्ल और डमी क्लासेस के पैसे जमा किए जा चुके हैं।

कोरोना का असर धीरे-धीरे जब देशभर में फैलने लगा तब स्वाभाविक रूप से बच्चों के पैरेंट्स को इस बात की चिंता होने लगी कि आखिर बच्चों को वहां रखा जाए या वापस लेकर आया जाए। छत्तीसगढ़ के प्रमुख जिलों में पिछले 15 दिनों से लगातार आवेदन जिला प्रशासन के पास आ रहा है कि उनके बच्चे कोटा में कोचिंग कर रहे हैं। उन्हें लेने के लिए जाना है। अनुमति दी जाए। सड़क मार्ग से जयपुर और कोटा के लिए पैरेंट्स जाने को तैयार हैं मगर इस तरह की अनुमति यदि दी गई तो सड़कों पर वाहनों का कारवां लग जाएगा।

इस बीच राजस्थान सरकार के पास भी लगातार अलग-अलग राज्यों से बच्चों के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन आना शुरू हो गया। राजस्थान सरकार सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यह कई बार कहा कि बच्चे सुरक्षित हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। मगर यहां जो बच्चे कोचिंग के लिए गए हुए हैं वे सामान्य घरों से तो नहीं है। सभी बड़े अफसरों, राजनेताओं और पूंजीपतियों के बच्चे हैं। जाहिर है इसी दबाव के चलते राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ के 4 हजार बच्चों को भेजने का निर्णय ले लिया।  इन सभी बच्चों को विशेष बस से छत्तीसगढ़ भेजा जाएगा। अभी ये छत्तीसगढ़ पहुंचे नहीं है लेकिन राज्य सरकार को चिंता इस बात की है कि आखिर राजस्थान से आने वाले बच्चों को कहां रखा जाएगा। बच्चों को सीधे उनके पैरेंट्स को सौंपा जाना संभव नहीं है क्योंकि सभी बच्चों का सबसे पहले स्क्रिनिंग किया जाएगा। फिर स्वास्थ्य परीक्षण के बाद जो बच्चे एकदम फिट होंगे उनको ही उनके घरों में भेजा जाएगा। उच्च अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह भी उसी शर्त पर कि बच्चे 15 दिनों तक कहीं निकलेंगे नहीं। जिन बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार या सामान्य लक्षण भी पाया गया तो उनको क्वैरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।

राज्य शासन ने कल रात में ही सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में जानकारी दे दी है और यह कहा है कि सभी तैयारियां रखें। जिससे कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव सहित प्रमुख बड़े जिलों के कलेक्टरों ने आज इस बात पर चिंता जाहिर की आखिर व्यवस्था कैसे बनाया जाए।

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