मध्य प्रदेश

रियासत और सियासत का पावर सेंटर रहा सिंधिया राजवंश का जयविलास पैलेस एक बार फिर सुर्खियों में ….

ग्वालियर. राजशाही से लेकर लोकशाही के हर दौर में रियासत और सियासत का पावर सेंटर रहा सिंधिया राजवंश का जयविलास पैलेस एक बार फिर सुर्खियों में है. रविवार की शाम जयविलास पैलेस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यहां मेहमान बनकर आए. उनका शाही अंदाज में स्वागत किया जा रहा है. अमित शाह सिंधिया राजवंश के जयविलास पैलेसे पहुंचे. सोने से जड़े दरबार हॉल में शाही भोज हुआ. डायनिंग टेबल पर चांदी की ट्रेन से उन्हें भोजन परोसा गया. अमित शाह ने महल में मराठों के गौरवशाली इतिहास की गैलरी का लोकार्पण भी किया.

गृहमंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं. भोपाल और ग्वालियर में उनके कई कार्यक्रम हैं. लेकिन उनके ग्वालियर दौरे की खास बात यह है कि वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुलावे पर पहली बार जयविलास पैलेस भी पहुंचे. शाह के दौरे को लेकर सिंधिया काफी सक्रिय नजर आए. सिंधिया महल में मौजूद रहकर खुद हर तैयारी की मॉनिटरिंग कर रहे थे. चार हजार करोड़ के 400 कमरे वाले जय विलास पैलेस में अमित शाह ने सोने से जड़े दरबार हाल को देखा. वहीं डायनिंग टेबल पर शाही भोज के दौरान ऐतिहासिक चांदी की ट्रेन शाह को भोजन परोसेगी.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में 4 हजार करोड़ रुपये की कीमत के जयविलास पैलेस में अपनी पत्नी प्रियदर्शनी, बेटे महान आर्यमन और बेटी के साथ रहते हैं. सिंधिया राजवंश के शासक जयाजी राव सिंधिया ने सन 1874 में जय विलास पैलेस बनवाया था. फ्रांसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने इस महल को डिजाइन किया था. 12 लाख 40 हजार 771 वर्ग फीट में फैले जयविलास में चार सौ कमरे हैं. 1874 में जयविलास के निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च हुआ था. विदेशी कारीगरों की मदद से जय विलास महल को बनाने में 12 साल का समय लगा था. जयविलास पैलेस में साल 1964 में म्यूजियम शुरू हुआ.

दूसरी मंजिल पर बना दरबार हॉल जयविलास महल की शान कहा जाता है. हॉल की दीवारों और छत को पूरी तरह सोने-हीरे-जवाहरात से सजाया गया था. इस पर दुनिया का सबसे ज्यादा वजनी झूमर लगाया गया है. साढ़े तीन हजार किलो के झूमर को लटकाने से पहले कारीगरों ने छत की मजबूती को परखा. इसके लिए छत के ऊपर नौ से दस हाथियों को खड़ा किया था. 10 दिन तक छत पर हाथी चहलकदमी करते रहे. जब छत मजबूत होने का भरोसा हो गया, तब फ्रांस के कारीगरों ने इस झूमर को छत पर लटकाया. रिसायत कालीन दौर में जब भी कोई राजप्रमुख या बड़ी शख्सियत ग्वालियर आते थे तो उनका खास स्वागत दरबार हॉल में ही किया जाता था.

अमित शाह की मेहमान नवाज़ी के लिए जय विलास को खास तौर पर सजाया गया है. अमित शाह ने यहां जय विलास महल में मराठों और सिंधिया की शौर्यगाथा दिखाने वाली एक गैलरी का लोकार्पण भी किया. इसमें शिवाजी से लेकर महादजी सिंधिया, माधवराव और जीवाजी राव की देश के लिए लड़ी गई लड़ाइयों और सेवा को दिखाया गया है. बहरहाल, अमित शाह के दौरे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन दिन से ग्वालियर में ही हैं. रविवार को अमित शाह ने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. सबसे खास बात यह है कि अमित शाह सिंधिया के बुलावे पर जयविलास पैलेस भी पहुंचे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- जयविलास में अमित शाह ने करीब डेढ़ घंटे से अधिक का वक्त बिताया. सिंधिया ने कहा कि मुझे विश्वास है कि गृहमंत्री के दौरे के बाद ग्वालियर का विकास नई ऊंचाइयों को छुएगा.

महल का ब्यौरा

  1. – 400 कमरे वाला है यह भव्य महल
  2. – यह महल उस समय एक करोड़ रुपए में निर्मित किया गया था. आज चार हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत है.
  3. – इसका सोने से जड़ा दरबार हॉल, सिंधिया राजाओं के वैभव की पहचान है
  4. – इसमें 3500 किलो वजनी दुनिया का सबसे भारी झूमर लगा
  5. – यहीं पर डाइनिंग टेबल पर शाही भोज के दौरान खाना लेकर चलने वाली चांदी की ट्रेन है
  6. – यूरोपीय वास्तुकला का खूबसूरत नमूना है यह महल
  7. – यह पैलेस फ्रांसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने डिजाइन और निर्मित किया था
  8. – इसी महल में इनडोर स्विमिंग पूल भी है
  9. – इसके एक हिस्से में राजमाता सिंधिया ने संग्रहालय बनवाया था
  10. – तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इस संग्रहालय का उद्घाटन किया था।
  11. – कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां, इसे देखने आयीं. अब अमित शाह पहुंचे हैं
Back to top button