मध्य प्रदेश

महाराज का माफीनामा : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना से चुनाव लडऩे के दिए संकेत

हाथ जोडक़र कहा:  जाने-अनजाने में मुझसे जो गलतियां हुईं, उसके लिए करें क्षमा

गुना/भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनावी साल में जहां सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। इसी बीच पार्टी के बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। भले ही लोकसभा चुनाव अगले साल होंगे, लेकिन धरातल पर इसके लिए रणनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है। गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से पिछला चुनाव अपने ही मातहत से हारने के बाद महल के प्रतिनिधि ज्योतिरादित्य सिंधिया इसे भूल नहीं पा रहे हैं। वे एक बार फिर इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इसके संकेत सोमवार को वैश्य समाज के सम्मेलन के दौरान देखने को मिले जब उन्हें पिछली गलतियों के लिए मंच से हाथ जोडक़र माफी मांगी। साथ ही शिवपुरी सहित पूरे संभाग के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहने की बात भी कही।

सक्रिय हुए सिंधिया

सोमवार को एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच से कुछ ऐसा कह गए, जो लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब ग्वालियर संसदीय सीट के साथ-साथ अपनी पुरानी सीट शिवपुरी-गुना संसदीय क्षेत्र में भी सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को शिवपुरी दौरे के दौरान महाराज सिंधिया ने कई सामाजिक संगठनों के साथ अलग-अगल बैठकें कर संवाद किया। वहीं वैश्य समाज के संवाद कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाषण के दौरान मंच से हाथ जोडक़र माफी भी मांगी। मंच से सिंधिया ने कहा कि मुझसे जाने-अनजाने में जो भी गलतियां हुई हो, उसके लिए मुझे क्षमा करें। मैंने जो भी गलतियां की हैं, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। दरअसल, इस पूरे मामले को राजनीतिक मामलों के जानकार उनका ओपनिंग स्ट्रोक बता रहे हैं। वहीं इस बयान से राजनीतिक गलियारों में अब क्या कुछ नया देखने को मिलेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

केपी यादव के लिए खड़ा हो सकता है संकट

पिछले लोकसभा चुनाव में सिंधिया को कभी उनके ही सिपहसालार रहे केपी यादव ने शिकस्त दी थी। इस हार के बाद से ही सिंधिया ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नई दिशा तय की, वे धारा 370 का समर्थन कर अपने विचारों को हिंदुत्व समर्थक के रूप में प्रस्तुत करने में सफल हुए। इसके बाद बने समीकरणों में संघ नेताओं और गृहमंत्री अमित शाह के नजदीक आए और बाद में किसी बहाने से कमलनाथ सरकार गिराकर भाजपा में शामिल हुए। अब सिंधिया चाहते हैं कि उन्हें फिर गुना-शिवपुरी से ही लोकसभा का टिकट भाजपा दे, हालांकि यह तो वक्त पर ही पता चलता है कि भाजपा उन्हें गुना-शिवपुरी से मैदान में उतारती है या फिर ग्वालियर भेजती है।

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