मध्य प्रदेश

इंदौर ने बनाया एक और रिकार्ड: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हुआ इंदौर का ग्रीन बॉन्ड

सीएम ने घंटा बजाकर लिस्टिंग का किया अनाउंसमेंट, MP के 5 शहर होंगे शामिल

भोपाल। स्वच्छता के मामले में देश में नंबर वन इंदौर ने एक और नया रिकॉर्ड बनाया है। अब इंदौर ने बिजली के खर्च को कम करने के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी कर एक और नवाचार किया है। मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घंटा बजाकर इंदौर के ग्रीन बॉन्ड के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की औपचारिक घोषणा की।

सीएम बोले- लीक से हटकर सोचता और करता है इंदौर

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इंदौर एक दौर है। मैं भी ये मानता हूं इंदौर लीक से हटकर सोचता और करता है। इसके कई उदाहरण हैं। ग्रीन बॉन्ड जारी करना कोई साधारण काम नहीं है। ग्रीन एनर्जी की दिशा में इंदौर ने कदम बढ़ाया इसके लिए मैं इंदौर के अफसरों और नागरिकों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि एक नया दौर है, नई शुरुआत है। अगर कोई शहर मजबूत होकर कदम उठाता है तो इंदौर के इस दिशा में प्रयास अनुकरणीय हैं। इंदौर के प्रयासों का प्रभाव ये हुआ कि कार्बन उत्सर्जन को कम कर 4 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित कर 9 करोड़ की आय हासिल की है। प्रधानमंत्री ने अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी के बाद क्रेडिट रेटिंग का काम शुरू किया। सीएम ने कहा कि ये धरती को बचाने का महा अभियान है। प्रकृति का शोषण नहीं दोहन करना होगा। आने वाली पीढ़ी के लिए धरती कैसे बचेगी। इसके लिए पीएम ने टारगेट दिए हैं। उन्होंने पंचामृत का संदेश पूरी दुनिया को दिया था। इसके 5 लक्ष्य तय किए हैं। 2050 तक भारत अपनी ऊर्जा की जरूरतों को नवकरणीय ऊर्जा से पूर्ति करेगा। 2070 तक भारत नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि फरवरी में देख रहे हो गर्मी कैसी पड़ रही है। इस गर्मी का असर फसलों पर पड़ेगा। आज की ही रिपोर्ट है कि सरसों में तेल 3% तक कम निकलेगा। ऐसी गर्मी के कारण गेहूं का उत्पादन भी घटेगा। ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए अभी से प्रयास नहीं किया तो ये धरती रहने लायक नहीं रह जाएगी। आने वाले समय में जीवन ढूंढ़ते रह जाओगे।

सीएम ने कहा- भोपाल पिछड़ गया, इस दिशा में काम करने की जरूरत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल पिछड गया है। मैं बाकी सब शहरों को कहना चाहता हूं। इस दिशा में काम करने की जरूरत है। अमेरिका में म्यूनिसिपल बॉन्ड के माध्यम से 30 लाख करोड़ की आय हुई। मैं मुख्यमंत्री के नाते कह रहा हूं 16–17 सालों में पैसे की कभी कमी नहीं आई। जहां चाह होती है, वहां राह होती है। निवेशकों को मैं आश्वस्त कर रहा हूं, आपका भरोसा कभी टूटेगा नहीं। विभाग को भी टारगेट दे रहा हूं। इस साल पांच और महानगरों में हमें ये लक्ष्य हासिल करना है। अपनी आंखों के सामने करना है। दुनिया बहुत तेज गति से आगे बढ़ रही है। मप्र तेज गति से प्रगति कर रहा है। मप्र देश का इंडस्ट्रियल और टैक्सटाइल हब होगा।

इंदौर महापौर बोले- लोग जब सोचना शुरु करते हैं, तब इंदौर काम पूरा कर चुका होता है

इस अवसर पर इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि किसी विषय पर लोग जब सोचना शुरु करते हैं, तब इंदौर उस काम को पूरा कर चुका होता है। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी के कॉन्सेप्ट करने के नजरिए से जहां से नर्मदा का पानी इंदौर लाया जाता है, वहां मोटर पंपिंग स्टेशन पर बिजली के बिल को कम करने के लिए 60 मेगावाट का सोलर प्लांट खरगोन में लगाया गया। इस खर्च के लिए हम खुद के बॉन्ड जारी करेंगे। वहां ग्रीन एनर्जी के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी करेंगे। 300 करोड़ बिजली के खर्च को कम करने के लिए ये बॉन्ड जारी किया। इस पर एसबीआई, एके कैपिटल और एनएसई की टीम ने काम किया। ग्रीन बॉन्ड लिस्टिंग में पहले ही दिन 661 करोड़ की राशि आई। कुल 730 करोड़ पर ये बॉन्ड लॉक हुआ। कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस नीरज मंडलोई, ऊर्जा विभाग के पीएस संजय दुबे के अलावा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमैन आशीष तथा एसबीआई और एके कैपिटल के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के डॉ. हरीश आहूजा ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।

भारत में स्थानीय प्रशासन मॉडल की गहराई का एक बड़ा उदाहरण है इंदौर का ‘ग्रीन बॉन्ड’ : एनएसई सीईओ

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि इंदौर नगर निगम द्वारा ग्रीन बॉन्ड जारी करना सहकारी संघवाद और भारत में स्थानीय प्रशासन मॉडल की गहराई का एक बड़ा उदाहरण है। शहरीकरण के तेजी से विकास के लिए शहरी स्थानीय निकायों को मौजूदा शहरी बुनियादी ढांचे में भारी विस्तार और उन्नयन की आवश्यकता है। म्युनिसिपल बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों को वित्तपोषण का एक वैकल्पिक साधन प्रदान करते हैं तथा केंद्रीय और राज्य अनुदानों पर निर्भरता कम करते हैं। अधिकांश शहरी इन्फ्रा बॉन्ड को ग्रीन बॉन्ड के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो मुख्य रूप से ऊर्जा, परिवहन, जल प्रबंधन, सीवेज उपचार, ऊर्जा बचत आदि के लिए लक्षित हैं। ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड नए विदेशी निवेशकों को भी लाएंगे, जो पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी विचारों वाली परियोजनाओं में स्थाई वित्तपोषण और निवेश में विशेषज्ञ हैं। इंदौर म्युनिसिपल बॉन्ड के पब्लिक इश्यू को इश्यू साइज के 5.91 गुना के कुल सब्सक्रिप्शन के साथ जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली। यह दर्शाता है कि ग्रीन बॉन्ड के लिए निवेशकों में अच्छी भूख है। म्युनिसिपल बांड रिटर्न अर्जित करने के अलावा राष्ट्र निर्माण में भाग लेने का अवसर प्रदान करते हैं। आईएमसी द्वारा हरित बांड का सार्वजनिक निर्गम हरित वित्तपोषण के विकास को गति तो प्रदान करेगा ही, एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा के भविष्य की ओर संक्रमण के लिए भारत के दृष्टिकोण में योगदान भी देगा। इस समय वैश्विक ग्रीन बॉन्ड बाजार में तेजी देखी जा रही है और संचयी ग्रीन बॉन्ड जारी करने के मामले में 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर के मील के पत्थर को पार कर गया है। भारत ने कॉरपोरेट्स, पीएसयू और वित्तीय संस्थानों द्वारा 2019-2022 के दौरान लगभग 10.8 बिलियन अमरीकी डालर के ग्रीन बॉन्ड जारी किए हैं।

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