मध्य प्रदेश

भारत की सबसे बड़ी शक्ति है आध्यात्म, जो लोगों की भावना से जुड़ा है : कमलनाथ

मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ का एक दिवसीय ‘‘धर्म-संवाद’’ कार्यक्रम

भोपाल। भारत की सबसे बड़ी शक्ति आध्यात्मिक शक्ति है जो समाज के लोगों को जोड़ती है। मंदिर का पुजारी समाज का सेवक होता है और वहीं समाज की मूल भावना आध्यामिकता की ओर लोगों को जोड़ने का काम करता है। हमारे देश की आध्यात्मिक शक्ति देश की संस्कृति से जुड़ी हुई हैं और हमारे देश की संस्कृति के कारण ही सभी वर्ग के लोग एक झंडे के नीचे एक साथ खडे़ हैं। हमें हमारी संस्कृति की रक्षा करने के लिए संस्कृति का रक्षक बनाना है, ताकि आने वाली पीढ़िया सुरक्षित रह सकें। मंदिर का पुजारी समाज का सेवक होता है, आप सब को देश की आध्यात्मिक शक्ति को और अधिक मजबूत बनाना होगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के तत्वाधान में आयोजित धर्म-संवाद, मंदिर पुजारी स्वायत्तता संकल्प दिवस कार्यशाला में मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये यह बात कहीं। इसके पूर्व कमलनाथ ने कार्यालय में राम दरबार की तस्वीर पर पूजन-अर्चन कर दीप प्रज्ज्वलित किया। श्री नाथ ने कहा कि आध्यात्मिक कार्यों से भारत की नींव जुड़ी हुई है। राजनीति और धर्म दोंनो अलग-अलग हैं। मुझे आज की नयी पीढ़ी की चिंता है, जो सामाजिक मूल्यों और आध्यामिक भावनाओं को छोड़ वाट्सएप और इंटरनेट पर ज्यादा ध्यान देते हैं, आपको इस नयी पीढ़ी को आध्यात्म की ओर आकर्षित करना होगा। आप देश की संस्कृति के रक्षक है। एक तरह से आप समाज का नेतृत्व करते हैं। कमलनाथ ने कहा कि हमारी 15 महीने की कमलनाथ सरकार में हमने मंदिरों, मठों उत्थान की योजनाएं प्रारंभ की। भाजपा ने पीछे के दरवाजे से सौंदे की सरकार बना ली और अब आपको आपका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। भाजपा केवल धर्म का उपयोग राजनीति के लिए करती है। धर्म और आध्यात्म से उन्हें कोई सरोकार नहीं है।

मप्र शासन के पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ की सरकार में मुझे आध्यात्मिक विभाग का दायित्व कमलनाथ ने सौंपा था। कमलनाथ के निर्देश पर मंदिरों, मठों के लिए कई योजनाएं कांग्रेस सरकार ने बनायी थी, जिस पर अमल भी हुआ। मदिरों के पुजारियों का मानदेय बढ़ाया, उन्हें अन्य अधिकार दिये। मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शिव नारायण शर्मा ने अपने प्रकोष्ठ के माध्यम से कमलनाथ और उपस्थित सभी नेताओं का आभार मानते हुए एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मंदिरों पर से कलेक्टरों का नाम हटाये जाने, पुजारी को व्यवस्थापक बनाये जाने, वंश परंपरा से नियुक्ति तथा पुजारियों को सामान्य कृषक जैसे अधिकार कांग्रेस की सरकार बनने पर दिये जाने की मांग की।

प्रकोष्ठ के प्रदेश युवा अध्यक्ष सुधीर भारती ने कहा कि शेरो-शायरी भरे अंदाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि मंदिरों से हमको हटाया जा रहा है, हमारे मान को चौराहों पर लुटाया जा रहा है, धरों पर बुलडोजर और फसलों पर रोलर चलवाया जा रहा है, पुलिस की आवाज से दबाया जा रहा है, हमें छोटा बताया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्षत्रय चंद्रप्रभाष शेखर, राजीव सिंह, समस्त प्रकोष्ठों के प्रभारी जे.पी. धनोपिया, प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष औंकारदास वैष्णव, महामंडलेश्वर सोनू महाराज, राजेश शर्मा सहित प्रदेश भर से आये प्रकोष्ठ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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