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जापान में फंसे भारतीयों ने लगाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार, घर वापसी में करें मदद

मुंबई {संदीप सोनवलकर}। कोरोना वायरस की महामारी के चलते जापान में फंस गये भारतीय छात्रों और कर्मचारियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार की है। जापान में इस समय करीब ढाई हजार छात्र और कर्मचारी फंस गये हैं जो भारत वापस आना चाहते हैं।

जापान में महामारी के चलते एक माह का पूरा लाकडाउन कर दिया गया है। जिससे छात्रों को रहने-खाने की तकलीफ हो रही है। इन लोगों ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भी चिट्‌ठी लिखकर मदद मांगी है। इनमें से कई छात्र तो ऐसे हैं जिनका कोर्स मार्च में ही खत्म हो गया है और उसके साथ ही उनको हास्टल या पेईंग गेस्ट का एग्रीमेंट भी खत्म हो गया है ऐसे में इन लोगों को अब होटल में रहना पड़ रहा है।

जापान में शिजुका में रहने वाली छात्रा शरमानिया ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं जापान में चार साल से स्टूडेंट वीजा पर रहती हूं। मेरा स्कूल मार्च में खत्म हो गया है और उसके साथ ही हमारा रेंट एग्रीमेंट भी खत्म हो गया है। इसलिए हमको होटल में रहना पड़ रहा है। हमारे जैसे बहुत से छात्र टोकियो और बाकी जगहों पर भी फंसे हुये हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार से अपील करते हैं कि हमारी भारत वापसी में मदद की जाये ताकि हम अपने परिवारों तक पहुंच सकें।

जापान में अकेली फंस गई वृन्दा तो अपनी 5 साल की बेटी से दूर हो गई है। वो अपनी बेटी को याद करते हुए रो पड़ती है। अपने वीडियो संदेश में उन्होने कहा कि मैं 25 मार्च को वापस जाने वाली थी लेकिन भारत में लाकडाउन के कारण फंस गई। उनकी पांच साल की बेटी भारत में दादा दादी के पास है मैं किसी भी हाल में वापस जाना चाहती हूं सो कृपया मदद करें।

जयपुर के कमल विजयवर्गीय एक निजी कंपनी के काम से मार्च के पहले सप्ताह में ही जापान गये हुए थे और उनको 27 मार्च को वापस आना था लेकिन उनकी वापसी का फ्लाईट कैंसल कर दी गई। अब वो वहां फंस गये हैं। जयपुर में उनकी पत्नी श्वेता विजयवर्गीय और बच्चे परेशान हैं। पूरा परिवार दिन भर इस बात की दुआ करता है कि किसी तरह कमल वापस आ जाएं। श्वेता ने कहा कि जापान में महामारी फैल रही है ऐसे में चिंता और बढ गई है।

उन्होंने कहा कि जापान सरकार ने अपने नागरिकों को बुलाने के लिए भारत से एयरइंडिया से समझौता किया है ये फ्लाईटस वापसी में खाली जा रहीं हैं। इनमें पूरी जांच पडताल और एहतियात के साथ भारतीयों को भी वापस क्यों नहीं भेजा जा सकता। खाली फ्लाईटस भेजने का क्या मतलब है।

जापान के ही कोकोबुन्जी शहर में फंसी कालीकट केरल की छात्रा अम्बीली प्रभा ने एक ई-मेल में लिखा है। मैं 19 मार्च को ही एक निजी कंपनी के काम से भारत से जापान आई थी और 27 मार्च को लौटने वाली थी लेकिन भारत में लाकडाउन की वजह से टिकट कैंसल हो गई। बाद में एक अप्रैल को फिर कैंसल हो गई। केरल में मेरी बेटी और पति हैं। मैं बहुत परेशान हूं मुझे वापस जाने में मदद करें।

इन लोगों ने जापान के पीएम शिंजो आबे को भी चिट्‌ठी लिखी है जिसमें लिखा है कि कई भारतीय छात्र और कर्मचारी यहां फंस गये हैं ये लोग वापस जाना चाहते हैं। इन लोगों ने जापान में इंडियन एंबेसी से भी संपर्क किया है लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। आपके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकट संपर्क है कृपया उनका इस्तेमाल कर वापसी का कोई उपाय किया जाये।

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