राजस्थान

राजे-रजवाड़ों के शहर में किन्नर ने जनाधार प्राधिकरण में रचा इतिहास, नूर शेखावत बनीं जनाधार पाने वाली राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर…

जनाधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने बताया कि यह पहला अवसर है जब किसी ट्रांसजेंडर के नाम से जनाधार कार्ड जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले नूर शेखावत ने उनसे मिलकर अपनी समस्या बताई थी कि परिवार द्वारा अस्वीकार किए जाने के कारण उनके पास स्वयं का जनाधार कार्ड नहीं है, जिससे वे राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पा रही हैं।

जनाधार प्राधिकरण ने नई मिसाल कायम करते हुए राज्य में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर का जनाधार कार्ड जारी किया है। राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्ययनरत ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को शुक्रवार को योजना भवन में उनके जन आधार कार्ड की ई-कॉपी सौंपी गई। प्राधिकरण की यह पहल ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आशा की नई किरण लेकर आई है।

नियमों के अनुसार किसी भी जन आधार परिवार में 18 वर्ष से अधिक की महिला या 21 वर्ष से अधिक के पुरुष को ही मुखिया बनाया जा सकता है। अब तक किसी भी ट्रांसजेंडर को परिवार का मुखिया नहीं बनाया गया था और ना ही किसी ट्रांसजेंडर ने अब तक प्राधिकरण से सम्पर्क कर स्वयं को मुखिया बनाने के लिए आवेदन किया था। इसी कारण जब नूर शेखावत को भी अपने प्रयासों में निराशा हाथ लगी।

राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप से जब नूर ने सम्पर्क किया तो उन्होंने अपनी तकनीकी टीम को निर्देशित कर सॉफ्टवेयर में इस सम्बन्ध में परिवर्तन करवाया तथा नूर शेखावत को जन आधार में नामांकित करवाकर जन आधार कार्ड की ई-कॉपी सौंपी। जन आधार कार्ड प्राप्त होने से अब नूर भी अब अन्य लाभार्थियों की तरह राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।

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