छत्तीसगढ़

हरिजन शब्द का उपयोग किया तो होगी दण्डात्मक कार्यवाही

कोरबा। शासन के विभिन्न संस्थानों सहित अशासकीय संस्थानों में भी ‘‘हरिजन’’ शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य के अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस संबंध में निर्देष जारी किये हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग से जारी निर्देषों के अनुसार शासकीय-अशासकीय संस्थानों में ‘‘हरिजन’शब्द का उपयोग करना असंवैधानिक एवं प्रतिबंधात्मक माना गया है। इस शब्द को वर्ग विशेषधिकार के हितों पर कुठाराघात एवं अपमानजनक मानते हुये इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 24 मार्च 2017 को पारित आदेश के अनुसार ‘‘हरिजन’ शब्द का उपयोग दण्डनीय माना गया है।

आयोग द्वारा निर्देषित किया गया है कि इस शब्द का उपयोग किसी भी अधिकारी-कर्मचारी द्वारा नहीं किया जायेगा। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी द्वारा शासकीय अभिलेखों में ‘‘हरिजन’शब्द का उपयोग किया जाता है तो यह उसकी स्वयं की जिम्मेदारी होगी और उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है।

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