मुझे भी होता हैं दर्द …
मेरी खामोशी का मतलब
यह नहीं कि मुझे दर्द नहीं होता
या मुझे कुछ समझ नहीं आता
मैं रिश्तों को निभाना जानती हूं
शायद इसलिए ही चुप हूँ
बोलना मुझे भी आप सा ही आता हैं पर
रुक जाती हूं अपने संस्कारों से क्योंकि मैं
रिश्तों को अहमियत देती हूं ओर ऐसे कब तक
आखिर कब तक मैं यूं ही दर्द सहती रहूं
मुझे भी दर्द का अहसास होता हैं
क्यो मुझे कभी समझा नहीं गया..?
कभी तो अपनापन दिखाया होता.. कभी तो !!
बहुत हुआ अब नहीं होता मुझसे ये सब बर्दास्त
मुझे भी दर्द होता होगा क्या कभी सोचा गया ये
मेरी खामोशी का मतलब
ये नहीं की मुझे कुछ पता नहीं चलता
मैं भी इंसान हूँ आप जैसा ही दुख सुख होता हैं मुझे भी
कभी क्यो नहीं समझा गया मुझे भी इंसान..?
आखिर मैं भी तुम जैसी हूं
मैं भी इंसान हूँ दर्द होता हैं मुझे भी
सच मे बहुत होता हैं दर्द मुझे भी ….
©डॉ मंजु सैनी, गाज़ियाबाद