दुनिया

जीएसटी कंपोजिशन स्कीम से छोटे कारोबारियों को है ढेरों फायदे

मुंबई {संदीप सोनवलकर} । वर्ष 2020-21 में जीएसटी कंपोजिशन स्कीम से जुड़ने के लिए आवेदन शुरु हो गए हैं। मौजूदा रजिस्टर्ड करदाताओं को इसके लिए 31 मार्च 2020 से पहले जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह स्कीम विशेष रूप से छोटे व्यवसायियों के लिए बनाई गई है। इसमें छोटे व्यापारियों को अपना हिसाब-किताब रखने, रिटर्न फाइल करने और कर जमा करने के मामले में कई रियायतें दी गई हैं।

क्या है जीएसटी कंपोजिशन स्कीम

कंपोजिशन स्कीम में व्यवसायियों को एक फिक्स रेट, एकमुश्त टैक्स पेमेंट और साल में सिर्फ एक बार रिटर्न जमा करने की विशेष सहूलियत दी गई है, जो सामान्य टैक्सपेयरों को नहीं दी जाती। इस स्कीम में वे करदाता जुड़ सकते हैं, जिनकी कुल सालाना टर्नओवर रु. 1.5 करोड़ है। उत्तर-पूर्व के सात राज्यों और उत्तराखंड के लिए यह सीमा रु. 75 लाख रखी गई है। अगर कोई व्यवसायी माल के साथ-साथ सेवाएं भी प्रदान करता है, या केवल सेवाएं प्रदान करता है, तो इसके लिए पूरे देश में कुल टर्नओवर की सीमा रु. 50 लाख है।

कंपोजिशन स्कीम के फायदे

जीएसटी कंपोजिशन स्कीम छोटे व्यापारियों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। जिनमें …

निश्चित दर पर एकमुश्त टैक्स

कंपोजिशन स्कीम के अंतर्गत टैक्सपेयर को अपनी बिक्री (सप्लाई) पर निर्धारित, विभिन्न दरों से जीएसटी जमा करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय वह अपनी कुल बिक्री पर एक निश्चित दर से एकमुश्त राशि जमा कर सकता है।

तीन महीने में एक बार टैक्स

करदाता को हर महीने टैक्स जमा करने के बजाय, तीन महीने में केवल एक बार टैक्स जमा करना होता है।

मासिक रिटर्न की बाध्यता नहीं

जीएसटी के सामान्य टैक्सपेयरों को जहां हर महीने या तिमाही रिटर्न फाइल करना होता है, वहीं कंपोजिशन स्कीम के करदाताओं को वर्ष में सिर्फ एक बार रिटर्न फाइल करना होता है।

कम हिसाब-किताब

इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रकिया में शामिल न होने की वजह से ऐसे करदाताओं को ज्यादा हिसाब-किताब रखने का झंझट नहीं रहता।

कंपोजिशन स्कीम से कैसे जुड़ें

जीएसटी कंपोजिशन स्कीम से जुड़ना काफी आसान है। इसके लिए, सामान्य टैक्सपेयर के रूप में रजिस्टर्ड व्यवासायियों को जीएसटी पोर्टल के फॉर्म सीएमपी-02 में सूचना देनी होगी। इसके लिए अंतिम तारीख 31 मार्च है। जबकि, जो व्यवसायी पहली बार जीएसटी रजिस्ट्रेशन ले रहे हैं, वे रजिस्ट्रेशन के वक्त ही पोर्टल पर फॉर्म सीएमपी-01 में सूचना देकर इस स्कीम से जुड़ सकते हैं। एक बार इस स्कीम से जुड़ने के बाद अगले वित्त वर्षों में दोबारा सूचना देने की जरूरत नहीं है। यही नहीं, टैक्सपेयर किसी भी समय इस स्कीम से बाहर भी निकल सकते हैं। जीएसटीएन के आंकड़ों के मुताबिक 16,82,000 से ज्यादा टैक्सपेयर कंपोजिशन स्कीम से जुड़े हैं।

Back to top button