कोरबाछत्तीसगढ़

कटघोरा के प्राचार्य गणेश राम राजपूत ने रामचरितमानस का छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद कर छत्तीसगढ़ी लोक रामायण की रचना की

कोरबा (गेंदलला शुक्ल) । जिले के कटघोरा विकासखण्ड के छूरीकला एकलव्य स्कूल के प्राचार्य गणेश राम राजपूत। प्राचार्य गणेश राम राजपूत ने तुलसीदासकृत रामचरितमानस का छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद कर छत्तीसगढ़ी लोक रामायण की रचना कर डाली। प्राचार्य गणेश राम राजपूत बचपन से रामचरितमानस का गायन व पठन कर रहे हैं।

रामचरितमानस का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करने में उन्हें 25 साल लग गए। 25 साल बाद उन्हें अब जाकर सफलता मिली। उनके इस रामायण का छत्तीसगढ़ी राजभाषा ने प्रकाशन भी किया है। ताज्जुब की बात यह है कि गणेश राम राजपूत इंग्लिश के व्याख्याता हैं और उन्होंने इंग्लिश और हिंदी दोनों विषय में स्नाकोत्तर की उपाधि धारण की है। इसके बावजूद संस्कृत व छत्तीसगढ़ी में उनकी काफी अच्छी पकड़ है। अपने उसी पकड़ के बदौलत उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में रामायण का अनुवाद कर छत्तीसगढ़ में इतिहास रच दिया।

इतना ही गणेशराम राजपूत ने रामचरितमानस के दोहे और चौपाई पर आधारित 700 से अधिक गीत भी लिखे हैं। श्रीराजपूत को कृतिसाहित्य सहित कई सम्मान भी मिल चुके हैं। बहुमुखीं प्रतिभा के धनी राजपूत अच्छे गायक भी हैं उनके कई गीतों का प्रसारण लोकवाणी रेडियो में भी होता है।

प्राचार्य गणेशराम राजपूत ने दिल्ली बुलेटिन से बातचीत करते हुए कहा कि बचपन से ही उनकी ख्वाहिश रही कि रामचरितमानस का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करें और इसे छत्तीसगढ़ के जन जन तक इसे पहुंचाए। उन्होंने कहा कि इसके लिये उनके माता पिता का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। इसके लिए उनके माता पिता ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही वे रामायण का गायन व वादन कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि गणेश राम राजपूत हायर सेकंडरी स्कूल मरवाही में कई वर्षों तक इंग्लिश के एकमात्र व्याख्याता रहे हैं। वे फर्राटे के साथ इंग्लिश भी बोलते हैं। वे विकासखण्ड मरवाही में विकासखण्ड शिक्षाधिकारी के पद पर भी कई वर्षों तक रहे हैं। वे कोरबा कटघोरा सहित गौरेला पेंड्रा मरवाही में भी काफ़ी लोकप्रिय हैं।

Back to top button