मध्य प्रदेश

गडकरी ने दिया सुझाव मप्र बनाए सोया नीति, कृषि मंत्री पटेल ने भरी हामी, इंदौर में हुआ अंतरराष्ट्रीय सोया कान्क्लेव ….

इंदौर। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मप्र को अपनी अलग से सोया नीति बनाने का सुझाव दिया। रविवार दोपहर वे इंदौर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सोया कान्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि फाइव ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए देश में आयात कम करना होगा। भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। देश में सोयाबीन की उत्पादकता अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देशों के मुकाबले काफी कमजोर है।

गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य होने के नाते मप्र को अलग से सोया नीति बनाना चाहिए। मंच पर मौजूद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से गडकरी ने कहा कि इस बारे में विचार करें। पटेल ने मौके पर ही कहा कि सोया नीति बनाने के सुझाव को स्वीकार करते हैं और मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा होगी। पटेल ने राज्य में उपज पर लग रहे मंडी टैक्स का दोहराव और विसंगति एक सप्ताह में दूर करने का ऐलान भी कानक्लेव के मंच से किया। दो दिनी सोया कान्क्लेव का रविवार को अंतिम दिन था। औपचारिक समारोह में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, तुलसी सिलावट, सोपा चेयरमैन डेविश जैन, उपाध्यक्ष गिरीश मतलानी, निदेशक डीएन पाठक के साथ महाराष्ट्र से आए किसान प्रतिनिधि पाशा पटेल भी मंच पर मौजूद थे।

सोपा के पदाधिकारियों ने मंच से मांग उठाई कि किसानों को सोयाबीन का सही मूल्य मिल सके इसके लिए विदेश से आयात होने वाले खाद्य तेलों की मात्रा पर नियंत्रण जरूरी है। दरअसल, सोपा के पदाधिकारी हाल ही में सरकार द्वारा तीन तरह के खाद्य तेलों का 20 लाख टन आयात शून्य ड्यूटी पर करने के निर्णय को स्थानीय बाजार में सोयाबीन की कीमतें गिरने की वजह बता रहे थे। साथ ही उद्योगों की ओर से मांग की गई कि सोयामील निर्यात पर सरकार को निर्यात इंसेटिव के रूप में कुछ छूट या राहत देना चाहिए। इससे भारतीय सोयामील विदेशी प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा। निर्यात बढ़ेगा तो किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी। महाराष्ट्र के किसान नेता पाशा पटेल ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि अगर सोयाबीन की कीमतें सही नहीं मिली तो किसान सोयाबीन उगाना छोड़कर बांस उगाने पर जोर देगा। महाराष्ट्र में ऐसा हो रहा था। उन्होंने कहा कि देश में प्रति एकड़ सोयाबीन का उत्पादन दो से तीन क्विंटल से ज्यादा नहीं है जबकि विदेशों में 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन है। विदेशी जीएम सोयाबीन से मुकाबले देश का नाम जीएम सोयाबीन तब ही कर सकता है जबकि सरकार एक्सपोर्ट इंसेटिव है। सोपा ने विभिन्न मांगों के साथ अगले महीने तेल आयात पर नियंत्रण और अन्य मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की बात भी कही।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कान्क्लेव को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना में प्रति एकड़ सोयाबीन 26 से 30 क्विंटल होती है, हमारे यहां सिर्फ पांच क्विंटल पैदावार होती है। ऐसे में उन्नत बीजों के विकास पर ध्यान देना होगा। इसमें सरकार के साथ सोपा जैसी संस्थाओं को भी सहभागी बनना चाहिए। गडकरी ने कहा कि आयात कम करने के लिए यह जरुरी है। सोयाबीन के आटे में 49 प्रतिशत प्रोटीन होता है। देश के लोगों को पोषण की जरूरत है। मैं खुद अंधेरी से सेंव लाता हूं जो सोया आटे से बनी होती है। ऐसे खाद्य उत्पादों के विकास पर मप्र जैसे सोया प्रदेशों को ध्यान देना चाहिए। इससे लोगों को अच्छा प्रोटीन मिल सकेगा। साथ ही देश का सोया मील विदेश में जाने की बजाय यहीं उपयोग होगा और अच्छी कीमतें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अब कृषि उपजों से ईंधन, ग्रीन हाइड्रोजन बनाने जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। किसान न केवल अन्नदाता बल्कि उर्जा प्रदाता भी बन सकें। देश में सोयाबीन का उत्पादन प्रति एकड़ 15 क्विंटल से ऊपर जाए इस दिशा में सोया नीति बनाकर मप्र को अगुवाई करना चाहिए।

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सरकारी खरीदी के उदाहरण देते हुए कहा कि गडकरीजी के सोया नीति पर सरकार आगे बढ़ेगी और जल्द ही मुख्यमंत्री से मांग करूंगा। उन्होंने कहा कि तेल आयात पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्री गोयल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में मैं, मंत्री सिलावट और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा मंडी टैक्स के दोहराव और दरों पर राहत देने का निर्णय एक सप्ताह में ले लिया जाएगा।

देश के दस सोयाबीन उद्योगों को सोया प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए कान्क्लेव में पुरस्कृत किया गया। सोयामील के सबसे ज्यादा निर्यात के लिए अवि एग्रो बिजनेस, प्रेस्टीज फीड मील और गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट को क्रमश: पहला,दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। सोयाबीन प्रोेसेसिंग के लिए भी तीनों उद्योग पुरस्कृत हुए। इसी के साथ मर्चेंट एक्सपोर्ट अवार्ड गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट को मिला।एक्सपोर्टर और वैल्यू एडेड अवार्ड सोनिक बायोकेम एक्सट्रेक्शन, अडानी विलमर और अवि एग्रो को दिया गया।

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