नई दिल्ली

हार का डर या कुछ और; मथुरा नहीं अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ, पार्टी की बैठक में हुई चर्चा …

नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री व भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने अनुरोध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मथुरा सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। खबर है कि वे मथुरा सीट से चुनाव लड़ने के मन में नहीं हैं। अंदरखाने की खबर बताती है कि मथुरा से चुनाव लड़ने पर योगी को राजनीतिक संकट उठाना पड़ सकता है। वहीं अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर वे आसानी से चुनाव जीत सकते हैं ऐसा सूत्रों का कहना है। टिकट बंटवारे को लेकर कल दिल्ली में हुई महात्वपूर्ण बैठक में इस पर मंथन किया गया।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को भाजपा अयोध्या सीट से विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। भाजपा में टिकट बंटवारे पर मंथन पहले ही शुरू हो चुका है। मंगलवार को दिल्ली में कोर कमिटी की मीटिंग हुई थी। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ मौजूद थे। पार्टी के एक नेता ने बताया कि दिल्ली में हुई मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इस बात को लेकर भी चर्चा हुई। पार्टी नेता ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से उतारे जाने से पूरे प्रदेश में हिंदुत्व का संदेश जाएगा। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ को मथुरा सीट से भी लड़ाए जाने की चर्चाएं थीं जिसे खारिज कर दिया गया।

योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में ब्राम्हण समुदाय के लिए विशेष तौर पर काम किए हैं। जिसकी चर्चाएं देशभर में हैं। ऐसे में उनके लिए अयोध्या की सीट सुरक्षित मानी जा रही है। यहां तक कि भाजपा के सांसद हरनाथ यादव ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मांग की थी कि सीएम योगी को मथुरा से चुनाव लड़ाया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा था कि कृष्ण भगवान ने मेरे सपने में आकर कहा था कि सीएम योगी को मथुरा से लड़ाया जाना चाहिए। गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के बड़े चेहरे माने जाते रहे हैं। मठ के बाद अब अयोध्या में उनके आने से भाजपा को एक नया बूस्ट मिल सकता है। पहले ही उन्हें मथुरा या फिर अयोध्या से चुनाव में उतारे जाने की चर्चाएं तेज थीं।

काशी, मथुरा और अयोध्या को लेकर भाजपा इस बार काफी उत्साहित है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जबकि काशी में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। मथुरा में भी यूपी सरकार ने कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘गोरखपुर की सीट को सीएम योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा ही जाता रहा है। लेकिन अयोध्या का धार्मिक नजरिए से कहीं ज्यादा महत्व है। यदि वह अयोध्या से लड़ते हैं तो यह मेसेज जाएगा कि भाजपा ने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने मूलभूत सिद्धांतों से समझौता नहीं किया है।’

भाजपा एक बार फिर सूबे की सत्ता में आने को लेकर काम कर रही है। पार्टी नेता ने कहा कि राज्य सरकार के कामों और केंद्र की योजनाओं के चलते पार्टी एक बार फिर से 270 से 290 सीटें जीतने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि चुनाव कई चरणों में होना है। इसलिए हर चरण के बाद स्थिति में अंतर दिख सकता है। पार्टी लीडर ने कहा कि हमें एक बार फिर से यूपी में एक आसान जीत की उम्मीद है।

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