पेण्ड्रा-मरवाही

सेखवा गौठान में फर्जीवाड़ा, ADM साहू ने कहा- शिकायत अभी मिली नहीं है, मिलने पर जांच होगी और कार्यवाही करेंगे

कोटमी/पेंड्रा। मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान निर्माण पर भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मरवाही जनपद पंचायत अंतर्गत सेखवा गाँव के जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने लिखित शिकायत 30 अक्टूबर को एसडीएम मयंक चतुर्वेदी के समक्ष दर्ज कराई थी। इसकी प्रतिलिपि देकर अतिरिक्त कलेक्टर पेण्ड्रारोड बीसी साहू, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर, अनुविभागीय अधिकारी पीएचई विभाग पेण्ड्रारोड, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मरवाही को मामले की गम्भीरता से अवगत कराया गया था।

इस संबंध में दिल्ली बुलेटिन से चर्चा करते हुए अतिरिक्त कलेक्टर बीसी साहू ने कहा कि सेखवा गोठान के संबंध में जानकारी मिली है कि वहां गोठान बनाने में अनियमितता हुई है। लेकिन इस संबंध में कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने पर जांच होगी और सख्त कार्यवाही भी करेंगे।

इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा रोजगार सहायक, सरपंच और इंजीनियर के खिलाफ मोर्चा खोलकर फर्जी मस्टर रोल निकालकर फर्जी हाजिरी भरे जाने एवं मार्फो डिवाइस (थम्ब मशीन) में अंगूठा लगवाकर लाखों रुपए की राशि निकालकर गबन करने की जानकारी दी गई थी एवं जो गौठान निर्माण में काम नहीं किये हैं उनके बैंक खाते में भरपूर राशि डाल दी गई तथा जो काम किये हैं उन्हें कार्य दिवस का मेहनताना नहीं मिला है।

इस मामले की गम्भीरता को देखकर एसडीएम ने एक जाँच टीम गठित कर जाँच बैठा दी। जिस पर मरवाही तहसीलदार के द्वारा संज्ञान लेकर गौठान सेखवा पहुँचकर ग्रामीणों का बयान दर्ज किया गया तथा भ्रस्टाचार की कहानी जांच अधिकारी के सामने मरवाही पहुंचकर भी लोगों ने दर्ज कराया है। जिससे गौठान योजना में परत दर परत सामने आने लगी।

वहीं जाँच अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट एसडीएम के सामने पेश कर दिया है लेकिन लगभग 1 माह से अधिक समय गुजर जाने पर भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और दोषियों के भ्रष्टाचार कारनामे को जांच की औपचारिकता पूर्णकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब यह देखना बाकी रह गया है कि अधिकारी इसकी सुध लेते भी हैं या फिर मामला यहीं पर सिमटकर रह जाता है।

दरअसल पूरा मामला मरवाही जनपद पंचायत के ग्राम सेखवा का है जहाँ ग्राम सुराजी योजना अंतर्गत सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान का सरपंच और इंजीनियर तथा रोजगार सहायक द्वारा मिलीभगतकर मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरकर सीधे साधे गरीब मजदूरों से थम्ब मशीन में अंगूठा लगवाकर लाखों रूपये गबन कर लिया गया है। ग्रामीणों का कहना है गौठान कार्य में बहुत से ऐसे मजदूरों के नाम शामिल हैं जो वहाँ काम ही नहीं किये हैं उनके बैंक खाते में हजारों रुपए डाल दिया गया है और जो वास्तविक में काम किये हैं उनका हाजिरी पूरा नहीं डाला गया है। मजदूरों को उनके परिश्रम का पारिश्रमिक प्राप्त नहीं हुआ है।

जांच अधिकारी के सामने पंचू सिंह, दुवाल सिंह, भारत सिंह, नेम सिंह, फूल बाई, मूलचन्द पंच ने अपना बयान दर्ज कराया है कि वे तथा उनका परिवार गौठान निर्माण के कार्य में काम नहीं किये हैं लेकिन उनकी पत्नी व पारिवारिक सदस्य के नाम 15 से 20 हजार रुपए डला गया था। जिसे अंगूठा लगवाकर रुपए निकाल लिए हैं और लाखों रुपए की वित्तीय अनियमितता को अंजाम दिया गया है। मामले में यदि गौर किया जाये तो कम्प्यूटर के माध्यम से कई ऐसे लोगों के नाम स्क्रीन पर उभरकर सामने आ रहे हैं जो कभी गौठान कार्य में काम भी नहीं किये हैं और उनका हाजिरी 6-6 सप्ताह डाला गया है और राशि खाते में डाली गई है।

निर्मला बाई, भुवन सिंह, फूलकुँवर, धीर सिंह, कलेश्वर, अनारकली, चेतराम, रुक्मनी, संतुराम, हीरा बाई, पतराम सिंह, समरजनिया, फूलमतिया, बहोरन सिंह, सुनीता, मोहन सिंह, सेमकुंवर, लीला बाई, राजकुमारी, पुनिया बाई, संतू सिंह, सेमजीर बाई के नाम भर कर काम किया जाना तथा राशि होना रिकार्ड में बताया जा रहा है। वहीं काम करने वाले मजदूरों व ग्रामीणों द्वारा इनके नाम से फर्जी हाजिरी भरे जाने की बात कही जा रही है। ज्ञात हो कि इस शिकायत के 1 महीने बाद भी किसी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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