मध्य प्रदेश

कृषि के अधो-संरचनात्मक विकास पर दिया जा रहा है जोर : केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर

विश्व मधुमक्खी दिवस पर कृषि महाविद्यालय बालाघाट में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला : प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल बोले- किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये तत्पर है सरकार

भोपाल। देश में कृषि के अधो-संरचनात्मक विकास पर निरंतर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को मुनाफे की खेती कर आत्म-निर्भर बनाने के लिये केन्द्र सरकार विभिन्न योजनाएँ संचालित कर रही है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह बात विश्व मधुमक्खी दिवस पर बालाघाट में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में कही। प्रदेश के किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये सरकार तत्पर होकर कार्य कर रही है। विश्व मधुमक्खी दिवस पर मधु एक्स-पो का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में आयुष एवं जल-संसाधन राज्य मंत्री रामकिशोर ‘नानो’ कावरे, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल सहित जन-प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि किसानों को आत्म-निर्भर बनाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकार मिल कर निरंतर कार्य कर रही है। किसानों को आत्म-निर्भर बनाने के लिये उनके उत्पाद की ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग द्वारा अधिक से अधिक लाभान्वित करने को 10 हजार एफपीओ बनाये जा रहे हैं। एफपीओ पर केन्द्र सरकार 6 हजार 865 करोड़ रूपये व्यय कर रही है। केन्द्रीय मंत्री ने बालाघाट को विश्व मधुमक्खी दिवस पर राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन के लिये बधाई दी। कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिये निरंतर कार्य कर रही है। सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये पंजीयन कराया जा रहा है। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। प्रदेश में सिंचाई क्षमता को बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर से बढ़ा कर 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जा रहा है। किसानों के फसल बीमे की प्रीमियम राशि सरकार द्वारा भरी जा रही है।

कृषि महाविद्यालय में भवन लोकार्पित

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर, कृषि मंत्री श्री पटेल एवं अन्य अतिथियों ने बालाघाट के राजा भोज कृषि महाविद्यालय में 80 करोड़ रूपये की लागत से बने भवन, छात्रावास एवं ऑडिटोरियम हॉल का लोकार्पण किया।

बैलजोड़ी दौड़ का हुआ आयोजन

राजा भोज कृषि महाविद्यालय में बैलजोड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें देश की 170 से अधिक बैलजोड़ियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार विजेता को 47 हॉर्स पॉवर, द्वितीय पुरस्कार विजेता को 42 हॉर्स पॉवर और तृतीय पुरस्कार विजेता को 32 हॉर्स पॉवर का ट्रेक्टर प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 22 विजेता को मोटर-साइकिल प्रदान की गई।

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