मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज की सख्ती का असर, बाघ को फंदा लगाकर मारने वाले दो संदिग्ध हिरासत में, की जा रही पूछताछ

भोपाल। पन्ना टाइगर रिजर्व के उत्तर वन मंडल के देवेंद्रनगर रेंज के तिलगवा बीट में गुरुवार को पेड़ से लटकता हुआ मिले बाघ के शव मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। शव के गले में क्लच वायर लगा हुआ था। जैसे ही यह खबर फैली पन्ना से लेकर भोपाल तक की राजनीति सहित प्रशासनिक अमलों में हलचल मच गई। आनन फानन में सीएम ने वन राजस्व और पुलिस की संयुक्त बैठक कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। आखिरकार, सीएम के सख्त निर्देश के बाद डिप्टी रेंजर अजीत खरे और बीट गार्ड अरुण त्रिवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
दरअसल, घटना की जानकारी के बाद छतरपुर से मुख्य वन संरक्षक संजीव झा के साथ डॉग स्क्वायड की टीम और एसटीएफ की फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची, मौका मुआयना किया गया। डॉग स्क्वायड से मिले संकेत के बाद शिकारियों की तलाश की गई, जिनमें से दो संदिग्ध आरोपियों को वन विभाग की संयुक्त टीम ने पकड़ लिया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार बताया जा रहा है। इस पूरे मामले में तीन आरोपी बताए जा रहे है, फिल्हाल मामले की जांच जारी है। प्रकरण की जांच एसडीओ पन्ना को सौंपी गई है।
जंगली जानवर के लिए लगाया था फंदा
वहीं, डीएफओ का यह भी कहना है कि अन्य जंगली जानवरों के लिए कुछ किसानों द्वारा ये फंदा लगाया गया था, जिसमें दुर्भाग्य से यह बाघ आकर फंस गया। डीएफओ ने बताया कि टाइगर के पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट में बताया गया कि उसके सभी अंग मौजूद हैं, इससे स्पष्ट होता है कि ये मामला शिकार का नहीं है।
करोड़ों खर्च, लेकिन परिणाम शून्य
बता दें कि टाइगर रिजर्व और वन विभाग बाघों की सुरक्षा में लाखों करोड़ों रुपये खर्च करता है। अधिकारियों, कर्मचारियों की लंबी फैज तैनात करने के साथ ही हाइटेक सुविधाएं दी जाती हैं, ताकि बाघों को बचाया जा सके। इसके लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं।  ज्ञात हो, दो ढाई दशक पहले तक पन्ना बाघों के लिए मुफीद अभ्यारण्य था, लेकिन साल 2009 में पन्ना में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे। ऐसे हालात में भारत सरकार ने पन्ना में बाघों की दुनिया फिर से आबाद करने के लिए ‘टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम’ चलाया गया था, जो काफी सफल रहा। इस प्रोग्राम के जरिए बाघों की संख्या बढ़कर 50 से ज्यादा हो गई है। हालांकि, अब बाघों के मरने की खबरें आने लगी हैं।

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