छत्तीसगढ़

जिले में लगातार जल रही शिक्षा की अलख…

कोरबा। जिले के शिक्षक अपने प्रेरणा स्त्रोत जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट कार्य कर रहे है, कोरोना महामारी के काल में कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या 90 से पहुंची 9000 तक।
जी हां पहले शिक्षक सिर्फ अपने विद्यालय की कक्षा में ज्ञान फैलाते थे पर वर्तमान में तस्वीर ही बदल गयी है।
आंनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र मे अग्रणी भूमिका निभा रहे है व्याख्याता साधराम श्रीवास”

प्राचीनकाल से लेकर आज तक जब जब किसी भी शिष्य को कुछ सिखने की इच्छा जागृत हुयी तब तब गुरूवों और शिक्षको ने निस्वार्थ भाव से सहयोग की भावना से सामने आकर मदद करने की पहल की,चाहे कितनी भी कठिनाईयो का सामना क्यो न करना पड़े। विषम परिस्थियो मे विद्यार्थियो को सही राह एक शिक्षक या एक गुरू हो दिखा सकता है।ऐसे ही एक शिक्षक श्री साधराम जो कि शा उ मा वि सेन्द्रीपाली (करतला ) मे भौतिकी के व्याख्याता के पद पर कार्यरत है।इन्होने अपने मन मे यह ध्येय लेकर की “विद्यार्थी हमेशा पढ़े,जीवन मे आगे बढ़े” को साकार करने के लिए
कोरोना काल के इस विषम परिस्थितियो में भी व्याख्याता श्री साधराम श्रीवास ने छग शासन की शिक्षा के क्षेत्र में एक महती योजना ‘‘पढ़ई तुहंर द्वार‘‘ के माध्यम से ऑनलाईन क्लास के द्वारा सुदुर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा को अनवरत जारी रखते हुए कक्षा 12वीं के भौतिकी जैसे कठिन विषय के 90 प्रतिशत पाठ्यक्रम को पूर्ण कर चुके हैं। अभी तक इन्होंने ‘‘पढ़ई तुहंर द्वार‘‘ के माध्यम से 190 ऑनलाईन क्लास ले चुके हैं, जिसमें उनके स्वयं के विद्यालय के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के अन्य जिले के लगभग 9000 छात्र/छात्राएं शामिल होकर भौतिकी की शिक्षा प्राप्त कर अपने विषय ज्ञान मे वृद्धि कर चुके हैं। चूंकि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में नेटवर्कविहीन क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से लेक्चर वीडियो एवं वाट्स अप के द्वारा नोट्स सामग्री उपलब्ध कराते हैं, ताकि वे विद्यार्थी भौतिकी जैसे कठिन विषयों के अध्ययन से वंचित ना रहें। व्याख्याता श्री साधराम श्रीवास की इच्छा यह है कि वे आने वाले समय में विद्यालय खुलने के बाद भी ऑनलाईन क्लास को अनवरत जारी रखेंगे।

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