नई दिल्ली

छत्तीसगढ़ में महंगी बिजली का ‘करंट’, पूर्व सीएम रमन ने सीएम भूपेश से पूछा- मुख्यमंत्री जी, आइना कैसे देख लेते हो ..

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। बिजली दरों में वृद्धि को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भूपेश बघेल पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा- मुख्यमंत्री जी, आइना कैसे देख लेते हो? बिजली बिल हाफ का वादा किया था, लेकिन पहले बिजली हाफ कर दी। प्रदेश में जनरेटरों की बिक्री बढ़ गई। अब एक बार फिर 3% से 7% तक बिजली महंगी कर दी। एक तरफ महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, दूसरी ओर बिजली बिल बढ़ाकर लोगों पर बोझ बढ़ा रहे हैं।

दरअसल, भूपेश बघेल सरकार ने विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पारित किया। नए संशोधन होने के बाद घरेलू उपभोक्ता, गैर घरेलू उपभोक्ता से लेकर विभिन्न तरह के उद्योगों को दी जाने वाली बिजली शुल्क के एनर्जी चार्ज में वृद्धि की गई है। घरेलू कनेक्शन पर प्रति यूनिट एनर्जी चार्ज 8 प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 12 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत कर दिया गया हैं। नये टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और इस तरह 11 प्रतिशत ऊर्जा प्रभार आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल में जुड़कर आयेगा।

बिजली में वृद्धि को लेकर भाजपा के नेता भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है। विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि एनर्जी चार्ज बढ़ाने से बिजली महंगी होगी। इससे जनता के ऊपर भार बढ़ेगा। पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार लूटमार में लगी है। सरकार कंगाल हो गई है। बिजली बिल हाफ योजना के नाम पर जनता को ठग रहे हैं। बिजली की दर दूसरी बार बढ़ने जा रही है। 1300 करोड़ की छूट दे रहे हैं और 1000 हजार करोड़ रुपये की वसूली करेंगे। छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं पर महंगाई की और मार पड़ेगी।

ऊर्जा प्रभार में वृद्धि-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा प्रभार 8% प्रतिशत से बढ़ाकर 11% किया गया। 3% की बढ़ोत्तरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए की गई। गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 12% प्रतिशत से बढ़ाकर 17% किया गया। सीमेंट उद्योग में 15% से बढ़ाकर 21% किया गया। 25 हॉर्सपावर तक के एलटी उद्योगों के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया। मिनी स्टील प्लांट और फेरो एलॉयज इकाइयों के लिए 6% से बढ़ाकर 8% प्रतिशत किया गया। आटा चक्की, आईल, थ्रेसर, एक्सपेलर के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया। कोयला और ईंधन की दरों में वृद्धि के चलते ऊर्जा प्रभार में बढ़ोतरी की जा रही है।

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