नई दिल्ली

दुनिया में फिर कहर ढाएगा कोरोना! चीन के बाद साउथ कोरिया में आई चौथी लहर …

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टाक्रॉन कहर ढा रहा है। चीन के आधे से अधिक शहरों में सख्त लॉकडाउन किया जा चुका है। हालात यह है कि नया वैरिएंट संभाले नहीं संभल रहा है और स्थिति लगातार बिगड़ रही है। चीन के बाद, दक्षिण कोरिया अब अपने सबसे खराब कोविड-19 के प्रकोप का सामना कर रहा है। दक्षिण कोरिया में बुधवार को 4,00,000 से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए।

दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, देश में 4,00,741 नए दैनिक कोविड-19 मामले दर्ज किए गए, जो देश में पिछले साल जनवरी में अपना पहला कोविड-19 मामला दर्ज करने के बाद से सबसे अधिक है।

इनमें से अधिकांश स्थानीय संक्रण के मामले बताए जा रहे हैं। यानी देश में कोरोना का लोकल ट्रांसमिशन शुरू हो गया है।

कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) ने बुधवार को कहा कि ताजा मामलों के साथ, दक्षिण कोरिया का कुल केसलोएड अब बढ़कर 7,629,275 हो गया है।

मंगलवार को दक्षिण कोरिया में 24 घंटे में 293 मौतों के साथ महामारी का अपना सबसे घातक दिन था। चीन कथित तौर पर अपने सबसे खराब कोविड-19 प्रकोप का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग लॉकडाउन के लिए मजबूर हो गए हैं।

कुल संक्रमणों में भारी उछाल को देखते हुए, चीन ने बुधवार को 3,290 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए, जिनमें 11 गंभीर मामले शामिल हैं। समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि चीन, जहां 2019 के अंत में वुहान में पहला वायरस का मामला सामने आया था, ने आधिकारिक तौर पर एक साल से अधिक समय तक किसी भी कोविड से संबंधित मौत की सूचना नहीं दी है।

इस बीच, वायरस को फैलने से रोकने के लिए, चीन ने अस्पताल के बिस्तर खाली करने का फैसला किया क्योंकि अधिकारियों ने बुधवार को ओमिक्रॉन के चलते कोरोना वायरस के प्रकोप से हजारों नए मामलों की सूचना दी।

कोविड के मामलों में अचानक वृद्धि ने शेनझेन के दक्षिणी टेक हब के लगभग 17.5 मिलियन निवासियों को लॉकडाउन में डाल दिया है। इसके अलावा, शंघाई और अन्य शहरों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रतिबंध ऐसे समय में आए हैं जब वैश्विक अर्थव्यवस्था यूक्रेन पर रूस के युद्ध, तेल की बढ़ती कीमतों और कमजोर उपभोक्ता मांग के दबाव में है।

चीन और दक्षिण कोरिया में मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट को कहा जा रहा है। महामारी को रोकने के लिए चीन की ‘जीरो-कोविड’ रणनीति के लिए ये वेरिएंट एक बार फिर सबसे कड़ी चुनौती पेश कर रहा है।

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