मध्य प्रदेश

कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार : बीजेपी में टिकट के लिए उमा भारती और कैलाश विजयवर्गीय के नाम सबसे ऊपर

भोपाल। मध्यप्रदेश में फिर राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव होना है. चुनाव के लिए विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. ये राज्यसभा सीट है, जो केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनाए जाने के बाद खाली हुई है. चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. कांग्रेस  ने ऐलान कर दिया है कि वह उम्मीदवार नहीं उतारेगी. संख्या बल और कांग्रेस के मैदान में न उतरने के कारण बीजेपी का सांसद ही चुना जाना तय है. हालांकि, कांग्रेस ने भले ही उम्मीदवार खड़ा न करने का फैसला किया हो, लेकिन उसकी एक शर्त ने सियासी माहौल गरमा दिया है. कांग्रेस ने बीजेपी के सामने मांग रखी है कि राज्यसभा के लिए उसका जो भी उम्मीदवार हो, वह अनुसूचित जाति वर्ग से होना चाहिए.

 

कांग्रेस का कहना है कि थावरचंद गहलोत, चूंकि अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और उनके इस्तीफे के कारण से ही ये सीट रिक्त हुई है, लिहाजा बीजेपी अब जो भी उम्मीदवार मैदान में खड़ा करे वो अनुसूचित जाति वर्ग से होना चाहिए. हालांकि कांग्रेस की इस मांग को बीजेपी ने निराधार करार देते हुए कहा है कि बीजेपी में कोई भी फैसला सामूहिक स्तर पर होता है. हाईकमान ये तय करता है कि उम्मीदवार कौन होगा.

 

उमा, कैलाश और में से किसी को मिल सकता है मौका, अर्चना के नाम की भी चर्चा

इस एक सीट पर किस चेहरे को उतारकर राज्यसभा भेजा जाए, इसको लेकर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. इससे पहले पार्टी को सत्ता में वापिस लाने के एवज में एक सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास जा चुकी है. गहलोत एससी वर्ग से थे. ओबीसी राजनीति के बीच पार्टी अब उनकी जगह ये सीट किसे देगी. बीजेपी में कुछ बड़े नामों की चर्चा शुरू हो गई है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे ऊपर है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस भी इस पद के लिए जोर लगा रही हैं. एक संभावना ये भी है कि कोई नया नाम दिल्ली से भेजा जा सकता है.

 

बीजेपी में कौन है दावेदार?

इधर, बीजेपी में राज्यसभा के लिए कई नाम चल रहे हैं. अगर अनुसूचित जाति वर्ग से ही बीजेपी किसी को उम्मीदवार बनाती है तो फिर अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह का नाम उम्मीदवार के तौर पर सामने आ सकता है. हालांकि इसमें एक पेंच यह भी है कि अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले थावरचंद गहलोत के केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटने के बाद अनुसूचित जाति कोटे के ही सांसद वीरेंद्र खटीक को मंत्री बनाया जा चुका है. ऐसे में कोई चेहरा अनुसूचित जाति वर्ग से ही राज्यसभा में जाने वाला होगा, इसे लेकर अभी थोड़ा संशय है.

 

अभी क्या है स्थिति?

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं. इनमें से अभी 7 सीटें बीजेपी के पास हैं, जबकि कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं. एक सीट पर चुनाव होना है. बीजेपी से अभी एमजे अकबर, धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय प्रताप सिंह, सुमेर सिंह सोलंकी, कैलाश सोनी और संपतिया उईके राज्यसभा सांसद हैं. जबकि, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा और राजमणि पटेल राज्यसभा सांसद हैं.

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