रायपुर

कांग्रेस ने कहा-आर्थिक संकट से छत्तीसगढ़ जूझ रहा है अब भरोसे का संकट मत पैदा कीजिए मोदी जी

डॉ गुलेरिया, डॉ व्हीके पाल, लव अग्रवाल और स्वयं प्रधानमंत्री के बयानों में इतना विरोधाभास क्यों ?

रायपुर {गुणनिधि मिश्रा} । प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने करोना को लेकर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा है कि भारत सरकार से पूछना चाहता हैं कि हम भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल साहब की बात मानें, जो हैं कि पीक होगा ही नहीं; डॉक्टर गुलेरिया की बात मानें जो कहते हैं कि पीक जून जुलाई में जाकर होगा या डॉक्टर वीके पॉल की बात मानें; जिन्होंने कहा था कि 16 मई को पीक होगा या मोदी आपके ऊपर हम भरोसा करें, जो आपने कहा था 24 मार्च को कि 21 दिन के बाद में हम कोरोना को हरा देंगे, महाभारत का युद्ध तो हमने 18 दिन में जीत लिया था? आज तो 21 दिन के दुगुने से ज्यादा दिन बीत गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मार्च को सबसे पहला लॉकडाउन- लॉकडाउन फर्स्ट को अनाउंस किया था। उसके बाद दोबारा से 3 मई तक के लिए 14 अप्रैल को लॉकडाउन- की घोषणा की। 2 बार तो मोदी ने लॉक डाउन की घोषणा की लेकिन तीसरे लॉकडाउन की घोषणा के समय मोदी खुद टीवी पर नहीं आए बल्कि एक प्रेस रिलीज़ के माध्यम से 17 मई तक एक और लॉकडाउन 3 की घोषणा कर दी गई।

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत ने, कांग्रेस पार्टी ने, हम सब लोगों ने भारत के प्रधानमंत्री के निर्णय का पालन किया है। कांग्रेस ने पूरे देश ने कहा है कि हमसब लोग भारत के अंदर कोरोना के खिलाफ जो युद्ध है, उस युद्ध के अंदर हम सब इक्कट्ठे मिलकर हिस्सा लेंगे।

संसार के अनेक देशों ने कोरोना से लड़ाई को जीता है। कई देशों ने बहुत जल्दी करोना पर काबू पाया है और अगर हम लोग उन मुल्कों को देखें कि उसमें क्या सक्सेफुल स्ट्रैटेजी थी, तो सबसे महत्वपूर्ण, सबसे बड़ी स्ट्रैटेजी जो उन लोगों ने अपनाई थी, उन मुल्कों में थी; वो यह थी कि उन्हें पता था कि ये कब पीक करेगा। उन्हें पता था कि यह लड़ाई कितनी लंबी है, किस हिसाब से उसकी तैयारी करनी है। उन्होंने कहा कि आज भारत में लॉकडाउन के लगभग 46-47 दिन हो गए हैं, फिर भी ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि किसी को भी कुछ नहीं पता ही है।

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री से, भारत सरकार से पूछा हैं कि हम किसकी बात पर विश्वास करें, क्योंकि 24 मार्च को जब मोदी ने सबसे पहले लॉकडाउन अनाउंस किया था, तो उन्होंने कहा था महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता था और मुझे सिर्फ 21 दिन चाहिएं। “21 दिन चाहिएं, हम कोरोना को हरा देंगे।” ये शब्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थे और नीति आयोग के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दे रहे हैं, टॉस्क फोर्स को सलाह दे रहे हैं, डॉक्टर वीके पॉल, उसी दिन उन्होंने एक ग्राफ को दिखाया था, जिसमें उन्होंने कहा था 16 मई तक केसेस जीरो हो जाएंगे। 16 मई के बाद भारत में कोई भी कोरोना के केस पॉजिटिव नहीं पाए जाएंगे।

एम्स दिल्ली के डॉक्टर गुलेरिया ने कहा है कि अभी पीक तो जून- जुलाई में आना है। डॉक्टर गुलेरिया, जो एम्स के डॉयरेक्टर हैं, हमारे भारत का प्रीमियर इंस्टिट्यूट है, खुद पुलमोनोलोजिस्ट (Pulmonologist) हैं, वो भी प्रधानमंत्री के टॉस्क फोर्स को अपना इनपुट देते हैं। तो अब हम डॉक्टर पॉल की बात को मानें, जिन्होंने कहा था कि 16 मई को ज़ीरो हो जाएगा या डॉक्टर गुलेरिया की बात मानें?

दोनों ही प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं। लव अग्रवाल केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि पीक होगा ही नहीं। उन्होंने सारी बातों को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा अब तो पीक होगा ही नहीं, हम बगैर पीक के चले जाएंगे जबकि भारत में रोज के रोज केस बढ़ते जा रहे हैं।

आज हमारे भारत में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अत्यंत असमंजस की स्थिति में, जहाँ भारत सरकार में ही कन्फ्यूजन है, भारत सरकार के सभी अधिकारी जो कि प्रधानमंत्री को एडवाइज करते हैं, अलग-अलग स्टेटमेंट सबके आ रहे हैं तो फिर हम किसकी बात पर विश्वास रखें? आज की संकट की घड़ी में यह इतनी खराब स्थिति है। जब सरकार को ही मालूम नहीं है कि क्या सच्चाई है, क्या वास्तविकता है, कितनी गंभीर समस्या है, कब ये खत्म होगी, कितना लंबा इसका इंतजार करना है, तो आप यह समझ सकते हैं कि हम लोगों में कैसे कॉन्फिडेंस आएगा कि सरकार अपनी तैयारियों के प्रति संवेदनशील है, सरकार अपनी तैयारियों के प्रति सीरियस है। बड़े दुख की बात है कि हमारे भारत के अंदर जिन लोगों के हाथ में जो कर्णधार हैं, उन लोगों के हाथ में लगाम है, भारत की लगाम है, उन्हें ही अगर इस चीज का आईडिया नहीं है कि ये डिजीज किस तरह से आगे पैन आउट करेगा, तो फिर हम खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी तैयारी सरकार कैसी कर रही है? जब सरकार को इस चीज का अंदेशा ही नहीं है, आईडिया ही नहीं तो भारत सरकार पर कैसे भरोसा करे ??? ।

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