मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज सिंह का बड़ा एक्शन: डिंडौरी एसपी संजय कुमार सिंह को हटाया

मिशनरी स्कूल के छात्रावास में नाबालिग आदिवासी छात्राओं के यौन शोषण के मामले में गिरी गाज

भोपाल। मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के जुनवानी गांव स्थित मिशनरी छात्रावास में नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एक्शन लेते हुए डिंडोरी एसपी संजय कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक बना दिया गया। मिशनरी छात्रावास में नाबालिग छात्राओं के साथ स्कूल के पादरी, प्राचार्य, एक शिक्षक और वहां की वार्डन का नाम यौन शोषण के मामले में सामने आया था।
नाबालिग आदिवासी छात्राओं के यौन शोषण के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस पर शुरू से ही लीपापोती करने के आरोप लग रहे हैं। पुलिस ने आरोपी प्राचार्य की गिरफ्तारी को सामान्य धाराओं का मामला बताकर थाने से रिहा कर दिया था। जब रिहा किया गया था, उस समय खुद एसपी संजय सिंह ने थाना प्रभारी की कार्रवाई को जायज ठहराते हुए इसे कानून का पालन करना बताया था। इस मामले में थाना प्रभारी विजय पाटले को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस सनसनीखेज और शर्मनाक घटनाक्रम तथा पुलिस की लापरवाही से सीएम शिवराज बेहद नाराज़ थे। आज उन्होंने इस मामले में डिंडौरी एसपी को हटाने का एक्शन लिया। इस संस्था में 600 आदिवासी बच्ची रहती हैं।
8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ की थी यौन शोषण की शिकायत
मध्यप्रदेश राज्य बाल आयोग के निरीक्षण के दौरान जुनवानी स्थित मिशनरी की तरफ से संचालित अवैध चिल्ड्रन होम की 8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। बच्चियों ने बताया कि उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है। उन्हें गंदी नजरों से टच कर घिनौनी हरकत की जाती है। ये बच्चियां डर की वजह से कहीं कोई शिकायत नहीं पाती थी, लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बड़ा एक्शन लिया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया और कार्रवाई नहीं होने की बात कही। तब पुलिस के आलाधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में प्रिंसिपल समेत 4 शिक्षकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में प्रिंसिपल नान सिंह यादव और अतिथि शिक्षक सनी, संचालक सविता और खेम चंद सहित 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
बाकी छात्राओं के विरोध करने पर पुलिस ने छोड़ दिया था प्राचार्य को
इस मामले में प्रिंसिपल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाकी छात्राओं के विरोध करने और पुलिसकर्मियों को घेरने पर प्रिंसिपल को छोड़ दिया गया। इसके साथ ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रवक्ता राधेश्याम कोकड़िया ने नाबालिग बच्चियों के चरित्र पर ही सवाल उठाए थे। जिसके बाद उनके खिलाफ राष्ट्रीय बाल आयोग ने एक्शन लेते हुए एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं।

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