मध्य प्रदेश

‘स्वच्छता का आनंद लीजिए, आप इंदौर में हैं’ थीम पर सज रहा शहर

8 से 10 जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में इंदौर की स्वच्छता की ब्रांडिंग भी होगी

इंदौर। 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए इंदौर शहर को ‘स्वच्छता का आनंद लीजिए, आप इंदौर में हैं’ थीम पर सजाया जा रहा है। इंदौर नगर निगम ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए इसी थीम पर स्वच्छ शहर की ब्रांडिंग करने का फैसला किया है। इसके चलते शहर में जो भी होर्डिंग लगे हैं या लगाए जा रहे हैं, उन पर ‘स्वच्छता का आंनद लीजिए, आप इंदौर में हैं’ स्लोगन लिखाया जा रहा है। यह आयोजन जीरो वेस्ट रहेगा। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा। सम्मेलन में निकलने वाले गीले कचरे से आयोजन स्थल पर ही खाद बनाई जाएगी।

स्वच्छता के साथ शहर सुंदर भी दिखे इसलिए जगह-जगह कराई जा रही वॉल पेंटिंग

इंदौर यूं तो हमेशा ही साफ रहता है, लेकिन समिट में आने वाले मेहमानों को शहर सुंदर भी दिखाई दे इसलिए जगह-जगह वॉल पेटिंग की जा रही है। शहर के डिवाइडर, फुटपाथ, पेड़ों पर भी कलर किया गया है। जो मेहमान आ रहे हैं, उन्हें ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बने बायो सीएनजी प्लांट का अवलोकन भी कराया जाएगा। वेस्ट से गोल्ड बनाने की थीम पर इंदौर काम कर रहा है। कुल मिलाकर इस सबके जरिये इंदौर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के शहर की तरह प्रोजेक्ट करने की तैयारी है। सम्मेलन के लिए न्योता देते समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर की स्वच्छता की तारीफ की थी। इसे देखते हुए नगर निगम और प्रशासनिक अमले ने सम्मेलन की ब्रांडिंग में स्वच्छता की थीम पर ही काम किया है।

सराफा और 56 दुकान दोनों फूड स्ट्रीट को अलग तरीके से सजाया जा रहा

ज्यादातर मेहमान सराफा और 56 दुकान जाएंगे। दोनों फूड स्ट्रीट को तीन दिन के लिए अलग तरह से सजाया जाएगा। सराफा में विशेष ठेले बनवाए गए हैं। दोनों जगह व्यापारी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करते। आयोजन स्थल के अलावा मेहमानों को शहर भी साफ नजर आएगा। इसके लिए तीन दिन चौबीसों घंटे तक सफाई के लिए अलग से टीमें तैनात रहेंगी।

स्पॉट पर ही गीले कचरे से बनाई जाएगी खाद

इंदौर नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक 8 से 10 जनवरी तक होने वाले प्रवासी सम्मेलन में इंदौर की स्वच्छता की ब्रांडिंग भी होगी। आयोजन पूरी तरह से जीरो वेस्ट रहेगा। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा। सम्मेलन से निकलने वाले गीले कचरे से आयोजन स्थल पर ही खाद बनाई जाएगी। आयोजन स्थल पर इलेक्ट्रिक वाहनों का ही उपयोग होगा।

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