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सरपंच ने धमकाया, 5 सौ रुपए चोरी का आरोप कबूल नहीं करोगे तो गांव से निकाल देंगे : मां-पिता ने 4 बच्चों के साथ पी लिया जहर …

धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी में सोमवार देर रात दंपती ने अपने दो बेटों और दो बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ पीकर खुदकुशी का प्रयास किया। किसी काम से अचानक घर आए पड़ोसी ने सभी के मुंह से झाग निकलता देखा तो उसने रिश्तेदारों को बुलाकर सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। फिलहाल सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पड़ोसी के घर हुई चोरी का परिवार के मुखिया पर आरोप है। पुलिस भी इस संबंध में पूछताछ कर रही थी। वहीं बेटे का कहना है कि सरपंच और अन्य लोग चोरी कबूल करने का दबाव बना रहे थे। मामला भखारा थाना क्षेत्र का है।

ग्राम जुगदेही निवासी दिलीप यादव पर गांव के ही नेमीचंद बढ़ई के घर में घुसकर 500 रुपए और पायल चोरी करने का आरोप लगा है। इस संबंध में रविवार को दिलीप को पुलिस भी पकड़कर थाने ले गई थी। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद अगले दिन सोमवार देर रात दिलीप ने अपनी पत्नी कविंद्री बाई और 23 व 20 साल की दो बेटियों और 16 व 18 साल के बेटों के साथ जहरीला पदार्थ पी लिया। इसके बाद पड़ोसी किसी काम से उनके घर पहुंचा तो घटना का पता चला।

पड़ोसी जब घर में घुसा तो देखा कि बच्चों के मुंह से झाग निकल रहा है। जबकि दिलीप और उसकी पत्नी कविंद्री बेसुध पड़े हुए हैं। इसके बाद उसने गांव में ही कविंद्री के मायके में सूचना दी। वहां से कविंद्री के पिता पहुंचे और फिर 108 एंबुलेंस से सभी को रात करीब 1 बजे जिला अस्पताल लाया गया। यहां पर सभी का उपचार जारी है। हालांकि अभी भी दंपती बेहोशी की हालत में हैं। न वह बात कर पा रहे हैं, न ही किसी को ठीक से पहचान रहे हैं। सूचना मिलने पर अन्य परिजन भी अस्पताल पहुंच गए हैं।

दिलीप के 18 साल का बेटा 12वीं का छात्र हैं। उसने बताया कि सोमवार दोपहर को गांव के सरपंच नेम साहू, ग्राम विकास समिति अध्यक्ष और पंच घर आए थे। सब ने पिता पर चोरी का आरोप लगाया। साथ ही कबूल करने के लिए दबाव बना रहे थे। पापा चोरी की बात से मना करते रहे। इस पर उन लोगों ने आरोप स्वीकार नहीं करने पर गांव से बाहर निकाल देने की धमकी दी। उनके जाने के बाद ही से पापा काफी परेशान थे। इसके बाद रात में पता नहीं कहां से जहरीला पदार्थ ले आए और सबको पीने के लिए कहा।

पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ यादव का कहना है कि बगैर जांच पड़ताल के पुलिस कार्रवाई करती हैँ इसका ही यह परिणाम है। सिर्फ आरोप लगने पर एकतरफा कार्रवाई करने की परंपरा पुलिस में है। इसे बंद किया जाना चाहिए। किसी भी गांव में व्यक्ति व परिवार का मान सम्मान होता है। यह घटना भी इसी से जुड़ा हुआ है। उच्चाधिकारियों को चाहिए कि कार्रवाई करने वाले संबंधित पुलिस कर्मचारियों का कार्रवाई कर मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं।

 

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